पहले राजीव गांधी को वचन, फिर PM मोदी के लिए ऐलानः आचार्य प्रमोद के कदम पर बोले लोग- 'लोकसभा सीट के लिए क्या नहीं करना पड़ता'
Acharya Pramod Krishnam Profile: आचार्य प्रमोद कृष्णम को कांग्रेस पार्टी से छह सालों के लिए निष्काषित किया गया है. उनके ऊपर पार्टी के खिलाफ बयानबाजी करने का आरोप है.
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Acharya Pramod Krishnam: कांग्रेस पार्टी ने शनिवार (10 फरवरी) को अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी बयान के आरोप में अपने नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम को पार्टी से निष्कासित कर दिया. वह कांग्रेस के उत्तर प्रदेश एडवाइजरी काउंसिल के पूर्व सदस्य भी थे. उन्होंने हाल ही में अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में हिस्सा नहीं लेने को लेकर कांग्रेस पार्टी की आलोचना भी की थी. वह लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी तारीफ कर रहे थे.
कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा, 'अनुशासनहीनता की शिकायत और पार्टी के खिलाफ बार-बार बयानबाजी को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रमोद कृष्णम को छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने के उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रस्ताव को मंजूरी दी है.' ऐसे में आइए जानते हैं कि प्रमोद कृष्णम कौन हैं और उनके कांग्रेस से निकाले जाने पर सोशल मीडिया पर किस तरह की बातें चल रही हैं.
प्रमोद कृष्णम ने पीएम मोदी के लिए लिया संकल्प
वहीं, कांग्रेस से निकाले जाने के बाद मीडिया से बात करते हुए प्रमोद कृष्णम ने राजीव गांधी को दिए वचन को लेकर बात की. उन्होंने जीवनभर प्रधानमंत्री मोदी के साथ खड़े होने की बात कही. प्रमोद कृष्णम ने कहा कि मैंने 16-17 साल की उम्र में राजीव गांधी को दिया वचन आज तक निभाया है. आज इस उम्र में एक बार फिर से संकल्प ले रहा हूं कि मैं आजीवन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़ा रहूंगा.
कौन हैं आचार्य प्रमोद कृष्णम?
आचार्य प्रमोद कृष्णम का जन्म 4 जनवरी, 1965 को बिहार के ब्राह्मण परिवार में हुआ. उन्होंने उत्तर प्रदेश के संभल में आकर श्री कल्की फाउंडेशन की स्थापना की. वह कल्की धाम के पीठाधीश्वर भी हैं. कहा जाता है कि वह पार्टी से तीन दशक से ज्यादा समय से जुड़े हुए हैं. उन्होंने 2014 में उत्तर प्रदेश के संभल से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए. 2019 में लखनऊ से उन्होंने चुनाव लड़ा, यहां पर भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
कृष्णम पहले कांग्रेस की उत्तर प्रदेश सलाहकार परिषद का हिस्सा थे, जिसका गठन पार्टी के लिए यूपी प्रभारी के रूप में प्रियंका गांधी वाड्रा की सहायता के लिए किया गया था. प्रमोद कृष्णम को अक्सर ही टीवी डिबेट में देखा जाता रहा है. वह कांग्रेस पार्टा का पक्ष रखते हुए नजर आते थे. हालांकि, पिछले कुछ महीनों में वह कांग्रेस के खिलाफ बयानबाजी करने लगे थे.
लोगों ने क्या कहा?
आचार्य प्रमोद कृष्णम के निष्काषन के बाद सोशल मीडिया पर तरह-तरह के रिएक्शन देखने को मिल रहे हैं. विक्रम नाम के एक यूजर ने लिखा, 'लोकसभा सीट के लिए क्या सब नही करना पड़ता है.' एक अन्य यूजर ने कहा, 'सत्य और संत को झुठलाया नहीं जा सकता. आचार्य प्रमोद कृष्णम को कांग्रेस पार्टी से निष्कासित करना इस बात को और अधिक बल प्रदान करता है कि कांग्रेस सच में दो गले वाली पार्टी है. उसके समर्थन और सहयोगी पता नहीं.'
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