गांधीनगर: गुजरात में कांग्रेस के नेता शंकर सिंह वाघेला ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी ने उन्हें निष्कासित कर दिया है. हालांकि उन्होंने यह भी जोर देकर कहा कि वह बीजेपी में नहीं शामिल होने जा रहे.
अपने 77वें जन्मदिन पर जमा हुए लोगों को संबोधित करते हुए वाघेला ने कहा कि वह राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा दे देंगे और आठ अगस्त के राज्यसभा चुनाव के बाद विधायक के तौर पर भी इस्तीफा दे देंगे.
उन्होंने कहा कि वह 'पार्टी के भीतर साजिश' के शिकार हुए है, जिसकी वजह से उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया गया. बघेला ने कहा कि पार्टी ने उनके शुक्रवार के कार्यक्रम का इंतजार भी नहीं किया कि वह उसमें क्या कहने वाले हैं. इससे पहले ही उन्हें बाहर निकालने का फैसला कर लिया गया. वाघेला ने इसे 'विनाशकाले विपरीत बुद्धि' करार दिया.
समर्थकों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि 'अंतिम हाई कमान जनता है.' उन्होंने कहा, "बर्खास्त होना मेरी किस्मत थी. लेकिन मैं सेवानिवृत्त नहीं हो रहा हूं. अन्याय के खिलाफ लड़ना मेरा स्वभाव है, भले ही मैं इस क्रम में सबकुछ गंवा बैठूं."
उन्होंने कहा, "मैं पार्टी के भीतर साजिश का शिकार बना हूं, चाहे यह बीजेपी हो या कांग्रेस."
उन्होंने आगे कहा, "बर्खास्त करने से आपके अहं को संतुष्टि मिल सकती है, लेकिन यह इससे ज्यादा कुछ नहीं है. एक जन-नेता की तरह व्यवहार करें, किसी राजनेता की तरह नहीं."
उन्होंने कहा, "मुझे साजिश के तहत निकाला गया. मैंने राहुल गांधी से इस बारे में बात की थी. मैं सोनिया गांधी से भी मिला था और कहा था कि 'आपका भरोसा नहीं तोड़ूंगा.' मैंने उन्हें हर चीज के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि मैं कुछ समय बाद पार्टी में नहीं रहूंगा, लेकिन चिंता मत कीजिए मैं कहीं नहीं जा रहा हूं. मैं बीजेपी में शामिल नहीं हो रहा हूं."
उन्होंने अपने समर्थकों से कहा, "मैं आज विपक्ष के नेता पद से इस्तीफा देने जा रहा हूं. मैं स्वतंत्र पक्षी हूं, मैं कांग्रेस को खुद से मुक्त कर रहा है और खुद को कांग्रेस से मुक्त करता हूं."
गुजरात कांग्रेस ने गुरुवार को वाघेला को अपने जन्मदिन के बहाने समर्थकों और विधायकों के साथ किसी तरह की 'राजनीति नहीं करने' की चेतावनी दी थी. उनसे यह भी कहा गया कि पार्टी उनकी सार्वजनिक बयानबाजी को आगे बर्दाश्त नहीं करेगी.
वाघेला ने 1990 के दशक के अंत में बीजेपी से अलग होकर एक नई पार्टी बनाई थी और बाद में इसका कांग्रेस के साथ विलय कर लिया. वह दिसंबर में होने वाले गुजरात विधानसभा के चुनाव की पूरी जिम्मेदारी कांग्रेस हाईकमान से मांगते आ रहे थे.
वाघेला को बर्खास्त नहीं किया गया, कांग्रेस को उम्मीद की काम करेंगे पार्टी के लिए
कांग्रेस ने आज कहा कि उन्होंने गुजरात के नेता शंकर सिंह वाघेला को बर्खास्त नहीं किया या उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की. वाघेला आज पार्टी से हट गये.
बागी नेता के लिए पार्टी के द्वार खुले रखते हुए कांग्रेस ने कहा कि उन्हें कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी गयीं. पार्टी ने यह भी कहा कि संगठन एक व्यक्ति की महत्वकांक्षाओं से बड़ा होता है.
कांग्रेस की यह प्रतिक्रिया तब आयी है जब वाघेला ने दावा किया कि उन्हें 24 घंटे पहले ही पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है. साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका बीजेपी या किसी अन्य पार्टी में शामिल होने का कोई इरादा नहीं है.
कांग्रेस ने अनुशासनात्मक कार्रवाई को नकारा
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘‘न तो कांग्रेस ने उनके खिलाफ कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई की है और न ही उन्हें पार्टी से निष्कासित किया गया है. दोनों ही तथ्य सर्वथा गलत हैं.’’ उन्होंने कहा कि पाटी ने वाघेला का सम्मान किया और समय समय पर उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दीं. उन्होंने उम्मीद जतायी कि पद त्यागने के बावजूद वह कांग्रेस में बने रहकर काम करते रहेंगे.
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘वाघेला चाहते थे कि प्रदेश कांग्रेस समिति के अध्यक्ष को बदला जाए और उन्हें इस पद पर नियुक्त किया जाए. यह निर्णय पार्टी और नेतृत्व को करना है तथा कोई व्यक्ति यह निर्णय नहीं कर सकता.’’ सुरजेवाला ने कहा, ‘‘पार्टी व्यक्ति से बड़ी होती है. हम सभी को यह समझना चाहिए कि पार्टी के हित एवं उसके आदर्श एक व्यक्ति की महत्वकांक्षा से बड़े होते हैं. हम गंभीरता से विचार करते हैं कि वह पार्टी पदों को छोड़ने का निर्णय करने के बावजूद पार्टी के लिए काम करते रहेंगे.’’