Assam: कांग्रेस ने किया फलस्तीन का समर्थन, असम सीएम बोले, 'देशहित को दांव पर लगाना कांग्रेस का डीएनए'
असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने हमास की आलोचना नहीं किए जाने को लेकर कांग्रेस की आलोचना की है. कांग्रेस ने इजरायल पर हमास के हमलों के बाद फलस्तीन का समर्थन किया था.
Himanta Biswa Sharma On Congress: असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने फलस्तीन का समर्थन करने को लेकर कांग्रेस पर तीखा वार किया है. उन्होंने कांग्रेस की तुलना पाकिस्तान और तालिबान तक से कर दी है. उन्होंने कहा,'तुष्टीकरण के लिए देश हित को दांव पर लगा देना कांग्रेस के डीएनए में है.
असम के सीएम ने कहा कांग्रेस के प्रस्ताव में भी वही समानता मिलती है जो समानता पाकिस्तान और तालिबान के बीच मिलती है. उन्होंने उसका उदाहरण देते हुए कहा,' कांग्रेस ने हमास की आलोचना नहीं की. इजरायल पर आतंकी हमले की निंदा नहीं की. महिलाओं और बच्चों को बंधन बनाए जाने पर भी चुप्पी साध कर रखी.
उन्होंने कहा, देश के हित को तुष्टीकरण की राजनीति के लिए दांव पर लगाना कांग्रेस के डीएनए में है.
Congress’s resolution has striking similarities with statements of Pakistan & Taliban
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) October 11, 2023
All 3
❌Do not condemn Hamas
❌Do not deplore terror attack on Israel
❌Silent on hostages - women & children
Sacrificing the nation’s interest to politics of appeasement is in Cong’s DNA. pic.twitter.com/9ykMvQk4WL
बीजेपी ने भी की आलोचना
फलस्तीन का समर्थन करने को लेकर बीजेपी भी कांग्रेस पर हमलावर है. कांग्रेस की कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने फलस्तीनी लोगों के भूमि, स्वशासन और सम्मान के साथ जीने के अधिकारों का समर्थन करने की बात कही थी. इस पर बीजेपी ने कहा, कांग्रेस आतंकियों और आतंकवादी संगठनों का समर्थन करती है. केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ के जरिए सवाल किया कि कांग्रेस ‘‘हिंसा के साथ जब खुले तौर पर खड़ी है’’ तो वह देश और इसके नागरिकों की रक्षा कैसे करेगी.
कांग्रेस ने किया था फलस्तीन का समर्थन
कांग्रेस ने इजराइल और हमास के बीच संघर्ष में आम नागरिकों के मारे जाने पर दुख जताते हुए सोमवार को कहा कि वर्तमान संघर्ष को जन्म देने वाले अपरिहार्य मुद्दों सहित सभी लंबित मुद्दों पर बातचीत शुरू करने की जरूरत है. भारत के मुख्य विपक्षी दल की कार्य समिति ने बैठक में पारित प्रस्ताव में तत्काल संघर्षविराम का आह्वान किया और कहा कि वह फलस्तीनी लोगों के जमीन, स्वशासन और आत्म-सम्मान के साथ जीने के अधिकारों के लिए अपने दीर्घकालिक समर्थन को दोहराती है.
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