पाकिस्तान के सियासी संकट पर कांग्रेस का पहला बयान, जानिए प्रधानमंत्री की कुर्सी पर क्या कुछ कहा
पाक राष्ट्रपति अल्वी ने प्रधानमंत्री इमरान खान की सलाह पर नेशनल असेंबली (एनए) को भंग कर दिया है. अब कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
पाकिस्तान में सियासी संकट बरकरार है. इमरान खान कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति होने तक मुल्क के प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे, लेकिन उन्हें कोई फैसला लेने का अधिकार नहीं है. अब पूरी दुनिया की नजर पाकिस्तान पर है. इस मुद्दे पर पहली बार भारत की विपक्षी पार्टी कांग्रेस के किसी नेता का बयान सामने आया है.
पाकिस्तान में चल रहे राजनीतिक संकट पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, "पाकिस्तान असेंबली के स्पीकर ने वोट नहीं करने दिया. राष्ट्रपति ने असेंबली भंग कर दिया. मेरे ख्याल से पाकिस्तान में इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ. पाकिस्तान में प्रधानमंत्री की गद्दी पर जो भी बैठे पर देश तो फौज़ ही चलाएगी."
सुप्रीम कोर्ट ने विपक्ष की उम्मीदों पर फेरा पानी
दरअसल, पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने विपक्ष और बार की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. पाकिस्तान के विपक्ष को उम्मीद थी कि संविधान के अनुच्छेद 5 के आधार पर प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने वाले नेशनल असेंबली (एनए) के स्पीकर के खिलाफ आदेश जारी किया जाएगा. लेकिन पाक राष्ट्रपति अल्वी ने प्रधानमंत्री इमरान खान की सलाह पर नेशनल असेंबली (एनए) को भंग कर दिया है. अब कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गई है.
राष्ट्रपति ने कार्यवाहक PM की नियुक्ति के लिए मांगे सुझाव
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने प्रधानमंत्री इमरान खान और नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ को पत्र लिखकर कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति के लिए सुझाव मांगे हैं. कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. अगर इमरान खान और शरीफ तीन दिनों के भीतर एक नाम पर आम सहमति तक नहीं पहुंच पाते हैं, तो उनमें से प्रत्येक दो नाम कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति के लिए जिम्मेदार सांसद समिति को भेजा जाएगा.
राष्ट्रपति सचिवालय ने सोमवार तड़के जारी एक बयान में कहा कि खान, प्रधानमंत्री के रूप में हटाए होने के बावजूद, एक कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति तक प्रधानमंत्री के रूप में बने रहेंगे.
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