Mission 2024: मिशन 2024 के लिए सभी राजनीतिक दलों ने कमर कस ली है. सभी पार्टियां जनता को लुभाने में जुटी हुई है. तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान होने के बाद जीतने की जोर आजमाइश और तेज कर दी है. अब कांग्रेस ने भी लोकसभा चुनावों में अपनी संभावनाओं को मजबूत करने के उद्देश्य से चुनिंदा 56 आरक्षित निर्वाचन क्षेत्रों में चार वंचित वर्गों के बीच एक नया पार्टी नेतृत्व बनाने के लिए अप्रैल 2023 का लक्ष्य निर्धारित किया है.


'नेतृत्व विकास मिशन' के तहत आने वाले तीन महीनों में चयनित 56 सीटों के तहत जिलों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक समूहों के होनहार व्यक्तियों की पहचान की जाएगी. इसमें वह लोग होंगे जिन्होंने पंचायत या स्थानीय निकाय चुनाव, जाति / समुदाय चैंपियन, कार्यकर्ता, युवा राजनीति के लिए काम किया होगाय इन लोगों को नामांकित करने के बाद इन्हें अपने समुदायों में पार्टी के प्रभाव को मजबूत करने के लिए ट्रेनिंग दी जाएगी. 


हर राज्य के लिए कॉर्डिनेटर 


एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यकों पर एआईसीसी (AICC) विभागों ने 56 सीटों वाले प्रत्येक राज्य के लिए एक कॉर्डिनेटर नामित किया है, जो इस मिशन पर अपने जिला समकक्षों के साथ काम करेंगे. यह मिशन 28 एससी और 28 एसटी निर्वाचन क्षेत्रों पर केंद्रित है, जहां पार्टी 2019 के चुनावों में दूसरे स्थान पर रही थी. 


56 निर्वाचन क्षेत्र शॉर्टलिस्ट 


एक रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस ने 2024 चुनाव से पहले 17 राज्यों में फैले 56 निर्वाचन क्षेत्रों को शॉर्टलिस्ट किया है. यह सबक 2014 और 2019 के नतीजों को देखते हुए लिया गया है. इस बार आरक्षित सीटों में कांग्रेस की घटती किस्मत पर पार्टी का फोकस रहने वाला है. एआईसीसी के विभागीय प्रमुख शिवाजीराव मोघे (एसटी), अजय यादव (ओबीसी), इमरान प्रतापगढ़ी (अल्पसंख्यक), राजेश लिलोठिया (एससी) ने इसे लेकर बनाई जाने वाली रणनीति कार्यक्रम में भाग लिया. 


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