Congress Mission 2024: राहुल गांधी के नेतृत्व में निकाली जा रही भारत जोड़ो यात्रा से इतर कांग्रेस ने मिशन 2024 के लिए कमर कसना शुरू कर दिया है. लोकसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस अब सुरक्षित सीटों पर अपना ध्यान लगाने की ओर बढ़ रही है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के हवाले से कहा जा रहा है कि लोकसभा की सुरक्षित सीटों पर लगातार कम होती जीतने की संभावना कांग्रेस के खराब चुनावी प्रदर्शन का एक बड़ी जिम्मेदार है. 


इस स्थिति से बचने के लिए कांग्रेस ने 2019 के लोकसभा चुनाव में हारी गईं 121 सीटों में से 56 सुरक्षित सीटों को शॉर्टलिस्ट किया है. कहा जा रहा है कि अगले चुनाव में कांग्रेस का पूरा ध्यान इन्हीं सीटों पर होगा. कांग्रेस ने अपने इस अभियान को नेतृत्व विकास मिशन का नाम दिया है. इसके तहत कांग्रेस ने विधानसभावार एससी-एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े ऐसे लोगों को चुनने की रणनीति बनाई है, जो पार्टी का जनाधार तैयार करने में मदद कर सकते हैं.


24 राज्यों की 56 सुरक्षित सीटों पर कांग्रेस की नजर


टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि पार्टी ने 24 राज्यों की 56 लोकसभा सीटों को चुना है. उन्होंने कहा कि ये वो लोकसभा सीटें हैं, जहां 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस दूसरे स्थान पर थी. उन्होंने कहा कि पार्टी के रणनीतिकारों को भरोसा है, इन लोकसभा सीटों पर कांग्रेस के लिए बेहतरीन मौका है. उन्होंने कहा कि पूरे देश में संसाधनों को फैलाने से ज्यादा सही इन लोकसभा सीटों पर फोकस करना है.   


कैसे काम करेगा 'नेतृत्व विकास मिशन'?


इस रिपोर्ट के मुताबिक, नेतृत्व विकास मिशन के लिए एक निश्चित खाका तैयार किया गया है. जिसमें एक लोकसभा सीट इंचार्ज होगा, जो हर विधानसभा के कोऑर्डिनेटर के साथ मिलकर काम करेगा. इनका काम दलित, आदिवासी, पिछड़े और अल्पसंख्यक समुदाय के बीच से ऐसे लोगों को चुनना होगा, जो जनता को जुटाने की क्षमता रखते हों.


सूत्रों का कहना है कि ये सभी लोग पार्टी के प्रत्याशी के लिए संभावित मतदाताओं की लिस्ट और चुनाव प्रचार की योजना बनाएंगे, क्योंकि टिकट का ऐलान होने के बाद प्रत्याशी के पास हर घर में पहुंचने के लिए एक महीने का ही समय होगा. बताया जा रहा है कि इंचार्ज और कोऑर्डिनेटर के जमीन पर उतरने से पहले कांग्रेस उनकी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए उन्हें नेतृत्व के गुण सिखाएगी. पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि किसी जमाने में कांग्रेस का मजबूत पक्ष रहीं सुरक्षित सीटों पर 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में खराब प्रदर्शन के चलते ही पार्टी का प्रदर्शन बिगड़ा है. 


कौन करेगा इस मिशन की देखरेख?


नेतृत्व विकास के इस मिशन की देखरेख का जिम्मा राहुल गांधी के करीबी के राजू देखेंगे. वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे सर्वोच्च प्राथमिकता का काम बताया है. कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल इस मिशन से जुड़ी जानकारी और गाइडलाइंस संबंधित राज्यों की कमेटी से साझा करेंगे. इन लोकसभा सीटों में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान की चार सीटें हैं. वहीं, तेलंगाना की तीन, बिहार-गुजरात-हरियाणा की दो-दो सीटें हैं. सुरक्षित सीटों की बात करें, तो मध्य प्रदेश में छह, गुजरात में चार, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में तीन-तीन सीटें हैं. झारखंड, महाराष्ट्र कर्नाटक और तेलंगाना में दो सुरक्षित सीटें हैं.


इससे इतर कांग्रेस ने पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले एससी-एसटी की 243 सीटों को भी चिन्हित किया है. बताया जा रहा है कि त्रिपुरा, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में ज्यादा समय नहीं बचा है. जिसके चलते कांग्रेस ने नेतृत्व मिशन के तहत कोऑर्डिनेटर्स की ट्रेनिंग शुरू कर दी है. जल्द ही इस मिशन का ऐलान हो जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने पहले ही संबंधित राज्यों से इस मिशन को लेकर गाइडलाइंस साझा कर दी हैं.


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