नई दिल्ली: भारत की आजादी के आंदोलन का नेतृत्व करने वाली देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस आज 135 साल की हो गई है. कांग्रेस आज 136वां स्थापना दिवस मना रही है. हालांकि इन दिनों कांग्रेस अपने काफी कठिन दौर से गुजर रही है. नेतृत्व को लेकर अंदरूनी घमासान की वजह से पार्टी के वजूद पर बादल मंडरा रहे हैं.


आजादी से 62 साल पहले कांग्रेस की स्थापना
आजादी से 62 साल पहले 28 दिसंबर 1885 को मुंबई के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत महाविद्यालय में कांग्रेस का जन्म हुआ था. स्कॉटलैंड के एक रिटायर्ड अधिकारी एओ ह्यूम ने कांग्रेस पार्टी की स्थापना की थी. हालांकि एओ ह्यूम को जीवित रहते कभी पार्टी के संस्थापक का दर्जा नहीं मिला. साल 1912 में मौत के बाद उन्हें कांग्रेस का संस्थापक घोषित किया गया. कांग्रेस की स्थापना भले ही एक अंग्रेज ने की थी, लेकिन पार्टी का अध्यक्ष भारतीय को चुना गया. 1885 में 72 प्रतिनिधियों की मौजूदगी में व्योमेश चंद्र बनर्जी को कांग्रेस का पहला अध्यक्ष चुना गया था.


खास बात ये है कि अग्रेजों ने ही योजना बनाकर कांग्रेस पार्टी की स्थापना करवाई थी. साल 1857 के दौरान अंग्रेजों के खिलाफ विरोध काफी बढ़ गया था. ऐसी स्थिति से निपटने के लिए ही अंग्रेजों ने एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाने की योजना बनाई, जहां सभी भारतीय अपनी भड़ास निकाल सकें. इसके लिए अंग्रेजों ने एओ ह्यूम को चुना.


38 साल नेहरू-गांधी परिवार पार्टी का अध्यक्ष रहा
साल 1885 से लेकर अबतक कांग्रेस पार्टी में 88 अध्यक्ष रह चुके हैं. आजादी के बाद 73 सालों में कांग्रेस में 18 अध्यक्ष बनें. 73 सालों में ज्यादातर समय नेहरू-गांधी परिवार से अध्यक्ष रहा. 38 साल नेहरू-गांधी परिवार के सदस्य ने अध्यक्ष पद संभाला. बाकी 35 साल गैर नेहरू-गांधी परिवार से अध्यक्ष चुना गया. नेहरू-गांधी परिवार से सबसे पहले साल 1951 में जवाहर लाल नेहरू ने अध्यक्ष पद संभाला था. इसके बाद इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी, राहुल गांधी अध्यक्ष बनें.


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