Row Over PM Museum: नेहरू स्मारक संग्रहालय और पुस्तकालय (एनएमएमएल) का सोमवार (14 अगस्त 2023) को नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय (पीएमएमएल) कर दिया है. इसको लेकर कांग्रेस ने सरकार पर देश के पहले प्रधानमंत्री के योगदान को मिटाना चाहती है. इन आरोपों का जवाब पीएमएमएल के वाइस चेयरमैन ए सूर्य प्रकाश ने दिया है.
उन्होंने कहा, यदि विरोध करने वाले लोग पीएम संग्रहालय आते हैं तो उनको पता चलेगा कि हमने इस संग्रहालय में नेहरू जी की स्मृतियों को कितने अच्छे तरीके से सहेजा है. उन्होंने कहा, आप आएंगे तो देखेंगे कि कैसे हमने नेहरू की आधुनिक भारत के उनके मंदिरों जैसे कि हीराकुंड बांध, नागार्जुन सागर बांध को चित्रित किया है. नेहरू मेमोरियल में हमने योजना आयोग का चित्रण किया है.
'संदेह हो तो आकर संग्रहालय देख लो'
हमने उनके पीएम रहने के दौरान उनके 17 सालों के कार्यकाल में इस राष्ट्र के लिए किए गये उनके सभी कामों का चित्रण किया है. जिनको भी इस बात का संदेह हो कि हमने उनकी विरासत को नष्ट करने की कोशिश की है वह एक बार यहां आकर इस संग्रहालय को देख सकते हैं.
'पीएम मोदी चाहते थे प्रधानमंत्रियों के लिए हो कोई संग्रहालय'
प्रधानमंत्री संग्रहालय के वाइस चेयरपर्सन ने कहा,' पीएम मोदी चाहते थे कि हमारे पास प्रधानमंत्रियों का एक संग्रहालय होना चाहिए. उसके बाद सवाल उठा कि यह संग्रहालय कहां बनाया जाए. ऐसे में 28 एकड़ की इस जगह को चुनने के पीछे की वजह गया. इसके पीछे की वजह हमारे पास पहले से ही यहां नेहरू संग्रहालय का होना था.
यहां पर पीएम संग्रहालय को बनाने के पीछे का सिर्फ एक मकसद भारत के सभी प्रधानमंत्रियों के काम को प्रदर्शित करना था. यही वजह रही की पीएम मोदी ने हमको यह जिम्मेदारी दे दी. इस काम को हाथ में लेते वक्त हम सम्मानित महसूस कर रहे थे.
हमने कुछ साल पहले इस प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया. पिछले साल जब यह बनकर तैयार हुआ तो खुद पीएम मोदी ने इस संग्रहालय का उद्घाटन किया. इसके बाद से इस जगह का आशय बदल गया और यह जगह पहले से भी ज्यादा लोकतांत्रिक हो गई.
'कांग्रेस ने नाम बदले जाने का विरोध किया'
कांग्रेस ने एनएमएमएल का नाम बदले जाने को लेकर कहा कि लगातार हमले के बावजूद देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की विरासत हमेशा जिंदा रहेगी और वह आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे.
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