Corruption: कांग्रेस का दावा- असम में इलेक्टोरल बॉन्ड से भी बड़ा घोटाला, दिवालिया हो चुके चाय बागान खरीद रहे BJP नेता
Corruption: जोरहट लोकसभा से कांग्रेस के उम्मीदवार गोगोई ने कहा, ‘‘पिछले कुछ साल में कई चाय बागान बंद हो गए हैं और कई दिवालिया हो रहे हैं. कई चाय बागानों के मालिक बदल गए हैं.’’
Electoral Bonds: कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने आरोप लगाया है कि असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा और केंद्रीय मंत्रियों के रिश्तेदारों समेत बीजेपी से जुड़े हुए लोग राज्य में दिवालिया हो चुके चाय बागान खरीद रहे हैं और उन जमीनों पर कुछ और स्थापित करने के लिए उन्हें रातों-रात बेच रहे हैं.
लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गोगोई ने इसे ‘‘चुनावी बॉण्ड से भी बड़ा घोटाला’’ बताते हुए कहा कि चाय बागान मजदूरों का भविष्य अंधेरे में है और यह सिलसिला चलता रहा तो उनमें से हजारों लोगों के पास रोजगार का कोई अवसर नहीं रहेगा.
मुख्यमंत्री, उनके ओएसडी, उनके राजनीतिक सलाहकार और बीजेपी के एक प्रवक्ता को इस संबंध में संदेश भेजकर आरोपों पर प्रतिक्रिया जाननी चाही, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला.
'बीजेपी के लोग खरीद रहे चाय के बागान'
जोरहट लोकसभा से कांग्रेस के उम्मीदवार गोगोई ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘पिछले कुछ साल में कई चाय बागान बंद हो गए हैं और कई दिवालिया हो रहे हैं. कई चाय बागानों के मालिक बदल गए हैं. बीजेपी के करीबी लोग और मुख्यमंत्री और कुछ केंद्रीय मंत्रियों समेत बीजेपीई लोगों के रिश्तेदार असम के विभिन्न हिस्सों में चाय बागान खरीद रहे हैं.’’
उन्होंने आरोप लगाया कि मालिकाना हक में अचानक से बदलाव होने की वजह से चाय बागान मजदूरों को पता चलता है कि उन्हें साप्ताहिक भत्ते और आपूर्तियां समय पर नहीं मिल रहे.
'बागान की जमीनें बेचकर लगेंगी कारखाने'
गोगोई ने दावा किया, ‘‘यह बड़ा सिंडीकेट है जहां अंतिम मकसद मजदूरों को चाय बागान से बाहर निकालना और जमीन को किसी और उद्योग को बेच देना है ताकि कोई दूसरा कारखाना या इकाई लगाई जा सके.’’
उन्होंने चेतावनी दी कि यह चाय बागान मजदूरों का ‘निराशाजनक भविष्य’ है और अगर यह जारी रहा, तो राज्य में लाखों श्रमिक बिना किसी वेतन, भविष्य निधि, ग्रेच्युटी, राशन और स्वास्थ्य सुविधा के सड़कों पर रहने को मजबूर होंगे.
'चुनावी चंदे से भी बड़ा घोटाला'
गोगोई ने कहा, ‘‘यह बड़ा मुद्दा है. यह एसबीआई चुनावी बॉण्ड घोटाले से बड़ा घोटाला है और इसे असम के मुख्यमंत्री और दिल्ली में बैठे कुछ बहुत शक्तिशाली मंत्रियों का संरक्षण प्राप्त हो रहा है.’’ उन्होंने कहा कि इन कारणों से वह अपने क्षेत्र के चाय बागान श्रमिकों के बीच इस प्रचार अभियान को पूरी तरह मुद्दा आधारित रख रहे हैं.
गोगोई ने कहा, ‘‘मेरे अभियान में उन मुद्दों को उजागर किया जा रहा है जो उनके जीवन को प्रभावित करते हैं जैसे मूल्य वृद्धि, कम वेतन और उचित स्वास्थ्य देखभाल की कमी. इन गरीब परिवारों को अब साप्ताहिक राशन में केरोसिन नहीं मिलता है और इसका असर उनकी जीवनशैली पर पड़ रहा है.’’
जोरहट लोकसभा में गोगोई का सीधा मुकाबला बीजेपी के मौजूदा सांसद तपन कुमार गोगोई से होगा. जोरहट में मतदान पहले चरण में 19 अप्रैल को होगा.
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