मसूरी पहुंचे कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की
पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद इप्टा के कार्यक्रम में शामिल होने मसूरी पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की बात कही.
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद सोमवार को मसूरी पहुंचे. यहां इंडियन पीपुल्स थियेटर एसोसिएशन (इप्टा) के कार्यकर्ताओं ने गुलाम नबी आज़ाद का भव्य स्वागत किया गया. गुलाम नबी आज़ाद इप्टा कार्यकर्ताओं के साथ मसूरी भगत सिंह चौक पहुंचे और भगत सिंह की मूर्ति पर माल्यापर्ण कर श्रदांजलि अर्पित की.
मसूरी राधा कृष्ण मंदिर के सभागार में आयोजित मसूरी भारतीय जन नाट्य संघ इप्टा शहीद-ए-आजम भगत सिंह सम्मान समारोह मे बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. इप्टा के प्रदेश और मसूरी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने गुलदस्ता और शाल देकर स्वागत किया गया. इस मौके पर इप्टा और भगत सिंह की जीवनी पर प्रकाश डाला गया.
मसूरी में पूर्व केंद्रीय मंत्री के दौरे को लेकर प्रशासन और पुलिस ने मसूरी में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किया थे. कार्यक्रम में गायिका मनु वंदना द्वारा देश भक्ति गीत सुनाया जिसने सभी को भावुक कर दिया. वहीं इस मौके पर बाल कलाकारों द्वारा उत्तराखंड की संस्कृति में आधारित नृत्य पेश किया गया, जिसने सभी के मन को मोह लिया.
शहीदों को लेकर बोले गुलाम नबी आजाद
गुलाम नबी आजाद ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देश की आजादी के लिए अपनी जान गवाने वाले शहीदों और आंदोलन को लेकर इतिहास पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि पूर्व में ही देश के इतिहास को लेकर जरूरी कदम नहीं उठाये गए अगर आजादी के समय से देश के आजादी के लिए हुए आंदोलन और शहीदों के बारे में लोगों के साथ पाठ्यक्रम में अनिवार्य रूप से शामिल किया जाता तो आज देश का प्रत्येक नागरिक देश के वीर जवानों, शहीदों और आंदोलनकारियों के बारे में जान जाता.
गुलाम नबी आजाद ने पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि गांधी ग्लोबल फैमिली संस्था के माध्यम से गांधी जी को विचारों के साथ शहीदों के बलिदानों और उनके द्वारा देश हित में किए गए कार्यों को भी जन-जन तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन का सहयोग कांग्रेस पार्टी पहले दिन से दे रही है, उन्होंने कहा कि नेता राज्यसभा में विपक्ष के नेता के दौरान भी उनके द्वारा कई बार देश के प्रधानमंत्री के सामने किसानों को लेकर पास किये गए तीन काले कानूनों को वापस लेने की मांग की गई है.
कृषि कानून को वापस लेने की कही बात
उन्होंने कहा कि उनके द्वारा मोदी जी को इतिहास के बारे में बताते हुए कहा कि देश में अंग्रेजों के शासन के द्वारा पास किये गए काले कानूनों के खिलाफ 6 बड़े आंदोलन हुए. लोगों के आक्रोश के कारण अंग्रेजो का भी अपने निर्णय वापस लेने पड़े. उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा कि राजीव गांधी के समय पर वर्तमान टिकैत के पिता के नेतृत्व में विशाल किसान आंदोलन कांग्रेस सरकार के खिलाफ किया गया था. जिस पर कांग्रेस की सरकार को झुकना पड़ा और अपने निर्णय को वापस लेने पड़ा था.
उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार से आग्रह किया कि वह तीन काले कानूनों को वापस ले लें, जिससे कि किसान आंदोलन को समाप्त किया जाए. उन्होंने कहा कि राजनीति में सब अपनी विचारधारा से की जाती है. उन्होंने कहा कि पार्लियामेंट में पक्ष विपक्ष एक दूसरे की आलोचना करता है. संसद में अलग-अलग क्षेत्र से अलग-अलग विचारधाराओं के लोग चुनकर आते हैं. ऐसे में उनके रास्ते अलग हो सकते हैं, उनसे कांग्रेस के कमजोर नेतृत्व के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इस पर जवाब देने से मना कर दिया.
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर की इस समय की सबसे बड़ी मांग है कि जम्मू कश्मीर को संपूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए, क्योंकि जम्मू-कश्मीर देश का सबसे पुराना प्रदेश है. उन्होंने कहा कि देश के सभी राज्य 74 साल पुराने हैं, परंतु जम्मू कश्मीर एक ऐसा राज्य है जो एक सौ 176 साल पुराना है. उन्होंने कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर का विकास चाहिए तो वहां पर संपूर्ण राज्य का दर्जा देना होगा.
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