कांग्रेस ने लोकसभा में अपने शीर्ष नेता राहुल गांधी को वायनाड और रायबरेली से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए 70-70 लाख रुपये दिए थे. पार्टी ने निर्वाचन आयोग को यह जानकारी दी है.


इससे अधिक राशि पाने वाले एकमात्र कांग्रेस उम्मीदवार विक्रमादित्य सिंह थे, जिन्हें पार्टी कोष से 87 लाख रुपये दिए गए थे, हालांकि वह हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से भाजपा की अभिनेत्री कंगना रनौत से चुनाव हार गए.


इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के जिन उम्मीदवारों को 70 लाख रुपये दिए गए थे उनमें किशोरी लाल शर्मा शामिल थे. शर्मा ने अमेठी से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उम्मीदवार स्मृति ईरानी को पराजित किया.


केसी वेणुगोपाल को मिले 70 लाख रुपये


कांग्रेस नेताओं के सी वेणुगोपाल (केरल में अलाप्पुझा) और मणिकम टैगोर (तमिलनाडु में विरुधुनगर) को भी 70-70 लाख रुपये दिए गए थे. कर्नाटक के गुलबर्गा से कांग्रेस उम्मीदवार राधाकृष्ण और विजय इंदर सिंगला (पंजाब के आनंदपुर साहिब) को भी चुनाव लड़ने के लिए पार्टी की ओर से 70-70 लाख रुपये मिले थे.


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा और दिग्विजय सिंह को क्रमशः 46 लाख और 50 लाख रुपये दिए गए थे. ये दोनों नेता चुनाव हार गए थे. राहुल गांधी ने रायबरेली के साथ-साथ वायनाड से भी जीत हासिल की थी, लेकिन उन्होंने वायनाड की सीट छोड़ दी. वह अब लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं.


पार्टी ने संसदीय चुनाव में 99 सीटें जीती थीं और इनमें राहुल गांधी दो सीटों पर विजयी रहे थे. किसी उम्मीदवार द्वारा चुनाव प्रचार पर किए जाने वाले खर्च की एक सीमा है, लेकिन राजनीतिक दलों के लिए ऐसी कोई सीमा नहीं है.


जनवरी 2022 में निर्वाचन आयोग की सिफारिश के आधार पर सरकार ने लोकसभा चुनाव में उम्मीदवारों के लिए चुनाव खर्च सीमा 70 लाख रुपये से बढ़ाकर 95 लाख रुपये और विधानसभा चुनाव के लिए 28 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दी थी. लोकसभा चुनाव के लिए संशोधित व्यय सीमा अब बड़े राज्यों के लिए 90 लाख रुपये और छोटे राज्यों के लिए 75 रुपये है. वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव सात चरणों में हुआ और नतीजे 4 जून आए थे.