कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ आधी से ज्यादा पूरी हो चुकी है. इस यात्रा के दौरान एक तरफ जहां कांग्रेस पूरी कोशिश में लगी है कि जनता के नजर में वह अपनी पार्टी और राहुल गांधी की छवि को बदलने में कामयाब हो जाए. तो वहीं दूसरी तरफ पार्टी के अन्य नेता अपने बयानबाजी से राहुल की पूरी मेहनत पर पानी फेरने से बाज नहीं आ रहे हैं.
दरअसल जम्मू कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राहुल गांधी के राजनीति 'गुरु माने जाने वाले दिग्विजय सिंह ने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर ऐसा बयान दिया कि पार्टी को तुरंत किनारा करना पड़ा. दिग्विजय सिंह के बयान पर भाजपा भी आक्रामक नजर आई. बीजेपी ने कहा, 'विपक्ष पीएम मोदी के नफरत में अंधी हो गई है की अब वह सेना का अपमान करने से भी नहीं कतराती'.
दिग्विजय सिंह ने क्या कहा?
दिग्विजय सिंह ने कहा- पुलवामा अटैक का आज तक न संसद में कोई जानकारी पेश की गई और न ही जनता के सामने रखी गई. सर्जिकल स्ट्राइक की बात करते हैं कि हमने इतने लोग मार गिराए लेकिन प्रमाण कुछ नहीं केवल झूठ बोलने से ही राज कर रहे हैं.'
इस बयान के बाद दिग्विजय सिंह ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर करते हुए पूछा कि आखिर पुलवामा अटैक के लिए 300 किलो आरडीएक्स लाया कहां से आया? इसके साथ-साथ ये आज तक जवाब नहीं दे पाए हैं कि डिप्टी एसपी देवेंद्र सिंह, जो कि आतंकवादियों से पकड़ा गया. वो आज कहां है? उसे क्यों छोड़ दिया गया? राष्ट्रद्रोह का प्रकरण उस पर क्यों नहीं बना?"
उन्होंने आगे कहा, "हम तो प्रधानमंत्री से पूछना चाहते हैं कि उनके और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के बीच में क्या संबंध है? कैसे संबंध है? एक दूसरे की प्रशंसा हो रही है. आखिर इन सवालों का जवाब देना चाहिए."
कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस ने दिग्विजय सिंह के इस बयान से किनारा कर लिया है. पार्टी का कहना है कि उन्होंने जो भी कहा वह उनका व्यक्तिगत विचार है.
विवादित बयान देकर कांग्रेस को मुसीबत में डालते रहे हैं दिग्विजय सिंह
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह पहले भी कई बार विवादित बयान देकर पार्टी को मुश्किल में डाल चुके हैं. अपने बयानों की वजह से ही वह सुर्खियों में भी रहते हैं. एक इंटरव्यू के दौरान दिग्विजय सिंह ने कहा था कि वह जो भी बयान देते हैं और काम करते हैं वो हाईकमान के कहने पर करते हैं. हालांकि कांग्रेस कई बार दिग्विजय के विवादित बयानों को निजी बयान बताकर अपना पल्ला झाड़ लेती है.
आइए जानते हैं कि दिग्विजय सिंह ने इस बयान से पहले कौन-कौन से विवादित बयान दिए? और कांग्रेस को क्यों उन बयानों से किनारा करना पड़ा?
जींस वाली लड़कियां मोदी से प्रभावित नहीं: दिग्विजय सिंह ने साल 2021 में भोपाल में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा, 'पीएम मोदी से वही महिलाएं प्रभावित हो रही है जिनकी उम्र 40 साल से ज्यादा है, न कि जींस पहनने वाली लड़कियां.
हिंदू आतंकवाद: साल 2016 में दिग्विजय सिंह ने अपने एक बयान में कहा था, 'हिंदुत्व कोई शब्द नहीं है और न ही मैं हिंदुत्व को मानता हूं.' इसी बयान में उन्होंने 'हिंदू आतंकवाद' की भी जिक्र किया था. बाद में कहा, 'मैंने हिंदू आतंकवाद नहीं, संघ आतंकवाद कहा था'
आतंकी ओसामा को जी के साथ किया संबोधित: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने अपने एक बयान में आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को 'ओसामा जी' कहकर संबोधित किया था. उनके इस बयान पर काफी विवाद हुआ.
100 टका टंच माल: उन्होंने अपनी ही पार्टी की एक महिला नेता मीनाक्षी नटराजन को 100 टका टंच माल कह दिया था. उनके इस बयान पर जमकर हंगामा हुआ और कांग्रेस को भी निशाने पर लिया गया.
सत्ता के दो केंद्र काम नहीं कर सके: दिग्विजय सिंह विपक्ष पर तो निशाना साधते ही रहे हैं. लेकिन यूपीए सरकार के दौरान भी वह कई विवादित बयान दे चुके हैं. एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा, 'सत्ता के दो केंद्र (तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी) ठीक से काम नहीं कर सके. भविष्य में इस सिस्टम को बदलने की जरूरत है.
हेमंत करकरे के जान को खतरा: दिग्विजय सिंह ने अपने एक बयान में दावा था कि मुंबई आतंकी हमले से कुछ घंटे पहले पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे ने अपनी जान को खतरा बताया था. उन्होंने दावा किया कि हेमंत करकरे के साथ हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग भी उनके पास है.
बाटला हाउस एनकाउंटर फर्जी: दिग्विजय सिंह ने सरकार में हुए बाटला हाउस एनकाउंटर को भी फर्जी बताया था.
दिग्विजय सिंह का राजनीतिक करियर
- दिग्विजय सिंह का जन्म 28 फरवरी 1947 को मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था. उन्होंने राजनीति में औपचारिक कदम साल 1969 में रखा था. उस वक्त वह राघोगढ़ नगरपालिका का चुनाव जीतकर अध्यक्ष बने थे.
- दिग्विजय सिंह पहली बार साल 1977 में कांग्रेस के टिकट पर विधायक बने थे. साल 1980 में वो अर्जुन सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने और 1984 में लोकसभा चुनाव में दिग्गी राजगढ़ सीट से जीतकर लोकसभा पहुंच गए.
- साल 1993 से लेकर 2003 तक दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद भी संभाल चुके हैं.
- 2003 में उन्होंने चुनाव हारने के बाद 10 साल तक राजनीति से दूर रहने का संकल्प लिया था. 10 साल बाद वह एक बार फिर से पॉलिटिक्स में सक्रिय हुए.