Uttar Pradesh News: कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा (Priyanka Gandhi Vadra) ने बुधवार को कहा कि वह उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में दोगुनी मेहनत करेंगी और तब तक लड़ेंगी जब तक जीतेंगी नहीं. उन्होंने कहा कि जी-जान से लड़ने के बावजूद पार्टी को हार मिली लेकिन यह मायूस होने का वक्त नहीं है, बल्कि पार्टी को दोगुनी ऊर्जा से लड़ाई लड़नी पड़ेगी.
वह बुधवार को लखनऊ में आयोजित पार्टी की नव संकल्प में प्रदेश भर से शामिल होने आये पार्टी पदाधिकारियों और नेताओं को संबोधित कर रही थीं. गांधी ने कहा,'पार्टी की हार हुई, यह एक सच्चाई है, जबकि पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत ने पूरे देश के कार्यकर्ताओं को प्रेरित किया था. हमें और गहराई से काम करने की ज़रूरत है. जनता से जुड़ने के लिए हमें और प्रयास करना होगा. सिर्फ़ राजनीतिक नहीं सामाजिक मसलों पर भी जनता से जुड़ाव बनाना होगा. इस समय BJP जिस तरफ देश के ले जा रही है यह वह देश नहीं है जिसके लिए महात्मा गाँधी, सरदार पटेल और डॉ.आंबेडकर ने लड़ाई लड़ी थी. हमें घर-घर जाकर लोगों को हक़ीक़त बतानी होगी.'
उन्होंने कहा कि 2014 तक देश की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही थी, लेकिन आज देश की बुरी हालत पूरी दुनिया देख रही है. उन्होंने आरोप लगाया कि युवाओं को जीत-धर्म के नाम पर बांटकर उनका भविष्य बर्बाद किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हालात बदलने के लिए नई ऊर्जा से जुटना होगा, मैं उनके साथ दोगुनी ताकत से मेहनत करूंगी. हमें उदयपुर चिंतन शिविर में पारित हुए घोषणापत्र की भावना को समझकर आगे बढ़ना होगा.’’
महासचिव ने की अजय कुमार लल्लू की तारीफ़
कांग्रेस महासचिव ने कांग्रेस के निवर्तमान प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू (Ajay Kumar Lallu) की तारीफ़ करते हुए कहा कि उन्होंने जी-जान से संघर्ष किया, सिर्फ चुनाव के समय नहीं बल्कि कोविड काल में भी उनके नेतृत्व में पार्टी कार्यकर्ताओं ने जमकर काम किया तथा सड़क पर उतरकर लाठियां खाईं.
प्रदेश कांग्रेस द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक प्रदेश मुख्यालय पर बुधवार को दो दिवसीय ‘‘नव संकल्प कार्यशाला’’ में पार्टी के डिजिटल मेंबरशिप अभियान, नगर निकाय चुनाव और सोशल मीडिया के महत्व को लेकर विशेष सत्र हुए। इसमें शामिल होने के लिए पूरे प्रदेश से पार्टी पदाधिकारी, पूर्व सांसद और विधायक शामिल हुए. पार्टी संगठन, राजनीति, अर्थव्यवस्था, कृषि, सामाजिक न्याय और युवाओं के मुद्दों पर उदयपुर घोषणापत्र में पारित प्रस्तावों पर चर्चा हुई.
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