नई दिल्ली: कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने आज ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे और हेमंत सोरेन समेत सात मुख्यमंत्रियों के साथ आज बैठक की. इस दौरान उन्होंने जीएसटी, जीएसटी, नई शिक्षा नीति और नीट परीक्षा को लेकर चर्चा हुई.


गैर बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में सोनिया गांधी ने कहा, ''जीएसटी पर राज्यों को क्षतिपूर्ति देने से इनकार किया जाना मोदी सरकार द्वारा राज्यों के लोगों से छल के अलावा और कुछ नहीं है.''


बता दें कि जीएसटी कानून के तहत राज्यों को जीएसटी लागू होने के बाद के 5 साल तक किसी भी कर नुकसान की भरपाई केंद्र सरकार को करनी है.


शिक्षा नीति


उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति से संबंधित घोषणाएं वास्तव में हमें चिंतित करने वाली है,वास्तव में यह एक झटका है. छात्रों और परीक्षाओं की अन्य समस्याओं को भी लापरवाही में निपटाया जा रहा है.


सोनिया गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति धर्मनिरपेक्ष और वैज्ञानिक मूल्यों के लिए झटका है, इसने सरकार की असंवेदनशीलता उजागर की है. उन्होंने कहा कि छात्रों की समस्याओं और परीक्षाओं के मुद्दे से केंद्र लापरवाही से निपट रहा है.


सोनिया गांधी ने कहा कि पर्यावरण असर आकलन (ईआईए) कानून का मसौदा अलोकतांत्रिक है, मोदी सरकार ने पर्यावरण, लोक स्वास्थ्य की सुरक्षा वाले कानूनों को कमजोर किया है.


सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने की मांग


बैठक में मौजूद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मैं सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से अनुरोध करती हूं कि हम नीट और जेईई एग्जाम को रोकने के लिए एक साथ सुप्रीम कोर्ट जाएं. उन्होंने कहा कि सहकारी संघवाद के नाम पर केंद्र ने राज्य सरकारों को ‘कुचल’ डाला है, हम लड़ाई लड़ रहे हैं.


झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी कहा कि केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी विपक्ष के खिलाफ एजेंसियों का इस्तेमाल कर संघीय ढांचे को कमजोर कर रही है.