नई दिल्ली: देश के दो बड़े राज्यों महाराष्ट्र और हरियाणा में 17 दिनों बाद चुनाव हैं. इस चुनावी माहौल में देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर दरार बढ़ती जा रही है. महाराष्ट्र से लेकर हरियाणा और दिल्ली से लेकर लखनऊ तक कांग्रेस को अपने ही कद्दावर नेताओं के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. महाराष्ट्र में मुंबई के पूर्व अध्यक्ष संजय निरूपम ने पार्टी के लिए प्रचार करने से इनकार कर दिया है. वहीं हरियाणा के बड़े नेता अशोक तंवर ने चुनाव सिर पर आते ही टिकट बंटवारे से नाराज़ होकर पार्टी के सभी पदों से इस्तीफे की पेशकश कर दी है. उन्होंने अपनी नाराजगी दिल्ली तक जाहिर कर दी है. वहीं, यूपी की राजधानी लखनऊ में भी पार्टी के नेताओं के बगावती सुर सुनाई देने लगे हैं.


महाराष्ट्र में निरूपम ने दी पार्टी छोड़ने की धमकी


महाराष्ट्र कांग्रेस में पार्टी के पूर्व प्रमुख संजय निरूपम ने अपने द्वारा सुझाए गए नाम को खारिज किए जाने के बाद घोषणा की कि वह कांग्रेस के प्रचार अभियान में शामिल नहीं होंगे. पूर्व सांसद ने यह भी कहा कि पार्टी नेतृत्व उनसे जिस तरह का व्यवहार कर रहा है, उसे देखते हुए वह दिन दूर नहीं जब वह पार्टी को अलविदा कह देंगे.


संजय निरुपम की पार्टी से नाराजगी पर एबीपी न्यूज से बातचीत में कहा कि अभी पार्टी नहीं छोड़ रहे पर वो दिन दूर नही लग रहा. मुझे अपमानित करने के लिए मुम्बई कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटाया और अब मेरे नाम का इतना सम्मान नहीं है कि मेरे कहने पर एक टिकट मेरे मेहनती, मेरे इलाके के कार्यकर्ता को दे दिया जाए.



लोकसभा चुनाव से पहले मुंबई कांग्रेस प्रमुख के पद से हुई थी निरूपम की छुट्टी


बता दें कि पार्टी नेताओं के एक तबके की शिकायत के बाद निरूपम को इस साल लोकसभा चुनाव से पहले मार्च में मुंबई कांग्रेस प्रमुख के पद से हटा दिया गया था. उनके खिलाफ शिकायत की गई थी कि वह एकतरफा ढंग से काम करते हैं. निरूपम की जगह पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिन्द देवड़ा को मुंबई कांग्रेस का प्रमुख बनाया गया था. हालांकि, देवड़ा ने आम चुनाव में पार्टी की हार के बाद पिछले महीने पद से इस्तीफा दे दिया था.


पार्टी लोकसभा चुनाव में मुंबई की छह सीटों में से एक पर भी चुनाव नहीं जीत पाई थी. वर्तमान में मुंबई कांग्रेस के कार्यवाहक अध्यक्ष पूर्व सांसद एकनाथ गायकवाड़ हैं.


'हुड्डा कांग्रेस' बनती जा रही है हरियाणा कांग्रेस- तंवर


वहीं, यही हाल हरियाणा का भी है. यहां टिकट बंटवारे में अपने समर्थकों की अनदेखी से नाराज कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक तंवर ने विधानसभा चुनाव के लिए बनी विभिन्न समितियों से इस्तीफा की पेशकश कर दी है. तंवर ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कहा कि उन्हें समितियों से मुक्त किया जाए और वह सामान्य कार्यकर्ता की तरह पार्टी के लिए काम करते रहेंगे. तंवर चुनाव के लिए बनी प्रदेश चुनाव समिति सहित कई समितियों में शामिल थे. उन्होंने यह भी दावा किया कि हरियाणा कांग्रेस अब 'हुड्डा कांग्रेस' बनती जा रही है. तंवर ने टिकट वितरण में मेहनती कार्यकर्ताओं की अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि यह बताया जाए कि किन मापदंडों के आधार पर टिकट दिए गए हैं.



तंवर ने दिल्ली में किया शक्ति प्रदर्शन


दो दिन पहले नाराज़ तंवर ने अपने समर्थकों के साथ राजधानी दिल्ली में सोनिया गांधी के घर के बाहर शक्ति प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने हरियाणा के प्रभारी ग़ुलाम नबी आज़ाद, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष कुमारी शैलजा के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी की. इस दौरान तंवर ने कहा कि यह राजनीतिक हत्या करने का प्रयास हो रहा है. सोनिया गांधी ने हमेशा न्याय किया है और मुझे उम्मीद है कि हमें भी न्याय मिलेगा.


यूपी में अदिति सिंह ने दिया कांग्रेस को झटका


उत्तर प्रदेश में कांग्रेस ने विधानसभा सत्रा का बहिष्कार करने का एलान किया था. बावजूद इसके रायबरेली सदर सीट से कांग्रेस विधायक अदिति सिंह ने विधानसभा के विशेष सत्र में हिस्सा लिया और अपने विचार रखे. इसको लेकर जब अदिति सिंह से सवाल किए गए तो उन्होंने कहा कि मैं देशहित के मुद्दे पर पार्टी लाइन से हटकर चलती हूं. मैंने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने के फैसले पर मोदी सरकार का स्वागत किया था. मेरे पिता ने जो मुझे सिखाया है, उस पर मैं अमल करती हूं.



यह भी पढ़ें-

प्लास्टर ऑफ पेरिस से मूर्तियां बनाने पर रोक लगी , गंगा में मूर्ति विसर्जन पर लगेगा 50000 रुपए का जुर्माना


रिपोर्ट: जानिए- आज भी भारत में कुपोषण से कितने बच्चे काल के गाल में समा जाते हैं


जानिए- सिखों के लिए करतारपुर गुरुद्वारा साहिब की क्या है धार्मिक अहमीयत?


क्या बैंक डूबता है तो जमा पैसों से भी आप धो बैठेंगे हाथ? जानिए कई जरूरी सवालों के जवाब