असम राज्य में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. वहीं चुनाव से ठीक कुछ दिन पहले सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी का मानना है कि राज्य में उनका कांग्रेस से नहीं बल्कि बदरुदीन अजमल की ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट से कड़ा मुकाबला हैं. असम के कैबिनेट मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी कहा है कि राज्य में क्षेत्रीय पार्टीयां ज्यादा टक्कर नहीं दे सकती हैं लेकिन अजमल हमेशा एक फैक्टर बने रहे हैं.


चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस-एआईयूडीएफ के बीच होगी कड़ी टक्कर


वहीं सरमा ने ये भी कहा कि चुनावों में, बीजेपी और कांग्रेस-एआईयूडीएफ के बीच टक्कर होगी. उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय दल लोगों तक पहुंच नहीं पा रहे हैं, जैसा कि उन्हें होना चाहिए. अजमल हमेशा से असम के एक इलाका के लिए फैक्टर रहे हैं. वह संस्कृति और सभ्यता के लिए खतरा हैं.”


कांग्रेस खुद के अस्तित्व को बचाने पर फोकस करें न की असम पर


इस बीच, बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और असम के पार्टी प्रभारी बैजयंत जय पांडा ने कहा, "अब कांग्रेस ने एआईयूडीएफ के साथ समझौता कर लिया है और यह पहचान की राजनीति की बात करती है. मुझे लगता है कि कांग्रेस अपने खुद के अस्तित्व की बात कर रही है. उन्हें कांग्रेस बचाओ में ध्यान केंद्रित करना चाहिए न की असम बाचाओ में. बीजेपी भारतीयता के लिए खड़ी है और हम राइट साइड हैं.”


प्रदेश में 27 मार्च से शुरु होगा तीन चरणों में मतदान


गौरतलब है कि प्रदेश की 126 सदस्यीय विधानसभा सीटों के लिये तीन चरणों में - 27 मार्च, 1 और 6 अप्रैल को मतदान होगा. चुनाव का परिणाम 2 मई को घोषित किया जाएगा. राज्य में इस बार सत्तारूढ़ बीजेपी के कांग्रेस और AIUDF के बीच जबरदस्त टक्कर देने को मिलेगी. असम में 33 हजार मतदान केंद्र होंगे. राज्य में पिछले चुनावों की तुलना में करीब 30 फीसदी मतदान केंद्र बढ़ाए गए हैं.


 बीजेपी ने असम में 2016 में चुनाव में 89 सीटें जीती थीं


गौरतलब है कि बीजेपी असम में 2016 के विधानसभा चुनाव में कुल 126 सीटों में से 89 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 60 सीटें जीतने में कामयाब रही थी. कांग्रेस 122 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 26 सीटों पर कामयाबी हासिल की थी. एजीपी 30 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और 14 पर सफलता हासिल की थी.वहीं बदरुद्दीन अजमल की एआईयूडीएफ ने 74 सीटों पर अपनी किस्मत आजमाई और 13 सीटों पर सफलता मिली. बीओपीएफ ने 13 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे और 12 पर उसके उम्मीदवार जीतकर विधानसभा पहुंचे. विधानसभा चुनाव में सीपीआई 15 सीटों पर चुनाव लड़ी था लेकिन खाता नहीं खुला.


ये भी पढ़ें

दो से अधिक बच्चे होने पर नहीं लड़ पाएंगे बिहार पंचायत चुनाव ! जानें- आयोग की तरफ से जारी महत्वपूर्ण मानक

Coronavirus Punjab: पंजाब में तेजी से बढ़ रहा है संक्रमण, 1309 नए मामले दर्ज, पटियाला-लुधियाना में लगा नाइट कर्फ्यू