(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
PM Cares Fund: पीएम केयर्स फंड पर कांग्रेस ने खड़े किए सवाल, जयराम रमेश ने बताया इलेक्टोरल बॉन्ड से कनेक्शन
Congress On PM Cares Fund: पीएम केयर्स फंड को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि इसकी स्थापना क्यों की गई है.
PM Cares Fund: कांग्रेस ने सोमवार (18 मार्च, 2024) को दावा किया कि आज तक यह स्पष्ट नहीं है कि पीएम केयर्स फंड की स्थापना क्यों की गई थी, इसे कितना और किससे धन प्राप्त हुआ और इसमें आए धन को कैसे वितरित किया गया.
पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह सवाल किया कि इस कोष को लेकर पारदर्शिता का इतना अभाव क्यों है? कोविड-19 महामारी के समय ‘पीएम केयर्स फंड’ की स्थापना की गई थी.
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट किया, ‘‘अब जब इलेक्टोरल बॉन्ड के माध्यम से मोदी सरकार के भ्रष्टाचार, जबरन वसूली और डराने-धमकाने की राजनीति से जुड़े चौंकाने वाले विवरण सामने आ रहे हैं, तब हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि सरकार ने कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए एक और रास्ता खोल रखा है और वह है ‘पीएम केयर्स फंड’.’’
क्या दावा किया?
जयराम रमेश ने दावा किया कि पीएम केयर्स फंड में कुल कितना पैसा आया है और इसमें दान देने वाले कौन हैं, इसकी आधिकारिक तौर पर कोई रिपोर्ट नहीं है, लेकिन खबरों से पता चलता है कि इसे कम से कम 12,700 करोड़ रुपये का दान प्राप्त हुआ.
उन्होंने आरोप लगाया कि ‘पीएम केयर्स फंड’ को कैग और सूचना के अधिकार कानून की निगरानी से छूट प्राप्त है, लेकिन यह सबको पता है कि सरकार के स्वामित्व और संचालन वाले कम से कम 38 सार्वजनिक उपक्रमों ने इस कोष में 2,105 करोड़ रुपये की बड़ी राशि दान की है. पीएम केयर्स फंड को सरकार से कई विशेष छूट मिली है.
जयराम रमेश ने क्या कहा?
जयराम रमेश ने कहा, ‘‘कोविड-19 महामारी की शुरुआत के चार साल बाद भी यह स्पष्ट नहीं है कि पीएम केयर्स फंड की स्थापना क्यों की गई थी, इसे कितना और किससे धन प्राप्त हुआ, इसमें आए धन को कैसे वितरित किया गया और इसके प्रशासनिक ढांचे में पारदर्शिता की इतनी कमी क्यों है.’’
कांग्रेस नेता ने दावा किया कि इलेक्टोरल बॉन्ड की तरह ‘पीएम केयर्स फंड’ भी एक घोटाला है, जिसके सामने आने का इंतज़ार है।
जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर एक अन्य पोस्ट में एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए देश में बेरोजगारी की स्थिति का उल्लेख किया और दावा किया कि 2011-12 और 2022-23 के बीच पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए सामाजिक सुरक्षा और अन्य लाभ के साथ नियमित वेतन वाली नौकरी की हिस्सेदारी स्थिर रूप से 25 प्रतिशत से नीचे बनी हुई है.
उन्होंने कहा, ‘‘स्व-रोज़गार में लगे व्यक्तियों की संख्या में काफ़ी बढ़ोतरी हुई है. महिलाओं के मामले में यह आंकड़ा और भी ज़्यादा है. इनमें स्व-रोज़गार की हिस्सेदारी 56.5 प्रतिशत से बढ़कर 64.3 प्रतिशत हो गई है.’’
Now that the corruption, extortion, and intimidation of the Modi Sarkar through the #ElectoralBondScam is getting revealed in all its shocking detail, let us not forget another route the Government opened for companies to curry favour: the self-glorifyingly named PMCARES
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) March 18, 2024
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रमेश ने कहा, ‘‘कांग्रेस की पांच न्याय और 25 गारंटी लोगों को सुनकर और उनकी समस्याओं को समझने के बाद तैयार की गई है. यह बेरोज़गारी और वेतन में बढ़ोतरी न होने की समस्या का समाधान करेगा और भारत को समृद्धि के पथ पर वापस ले जाएगा. ’’
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