Jairam Ramesh: भारतीय रेलवे ने अफसरों की भर्ती की संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा और इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा के जरिए करने का फैसला किया है. इसे लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि यह रेलवे में सुधार का नहीं बल्कि सही मायने में रेलवे को बर्बाद करने का केस है. इस दौरान जयराम रमेश नें केंद्र की मोदी सरकार पर कई आरोप लगाए जो इस प्रकार हैं.


जयराम रमेश ने कांग्रेस को लेकर लगाए ये आरोप



  • पांच साल पहले, नॉन-बायलॉजिकल प्रधानमंत्री की सरकार ने आठ रेलवे सेवाओं को मिलाकर इंडियन रेलवे मैनेजमेंट सर्विस (IRMS) बना दिया था और इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा के माध्यम से भर्ती बंद कर दी थी.

  • 5 अक्टूबर 2024 को, सरकार ने अपना निर्णय वापस ले लिया. अब दो अलग-अलग परीक्षाओं के माध्यम से भर्ती जारी रहेगी, एक सिविल सेवा के लिए और एक इंजीनियरिंग सेवा के लिए.

  • इसे वापस इस चिंता को ध्यान में रखते हुए लिया गया कि आने वाले बहुत से अधिकारी सामान्य विशेषज्ञ थे और उनके पास आवश्यक तकनीकी और इंजीनियरिंग कौशल का अभाव था.


भर्ती प्रक्रिया को लेकर उठाए सवाल


कांग्रेस महासचिव ने कहा, "नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री की यह बिना सोचे समझे निर्णय लेने की आदत (पहले घोषणा, फिर सोचना) हमारे संस्थानों के लिए विशेष रूप से खतरा बनी हुई है. रेलवे मूल रूप से एक इंजीनियरिंग प्रणाली है और सभी भर्तियों को मानकीकृत करने की जल्दबाजी में इस तथ्य को भूलने का जानबूझकर किया गया प्रयास मूर्खता से भरा था."


टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुतबिक कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग ने शनिवार को एक ज्ञापन जारी कर जानकारी दी कि गुरुवार को रेलवे मंत्रालय के प्रस्ताव पर विचार करते हुए मंत्रालय में टेक्निकल और नॉन टेक्निकल मेनपॉवर दोनों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया.


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