नाराज़ नेताओं की बैठक पर सिंघवी बोले- ये सभी कांग्रेस परिवार का अभिन्न हिस्सा, जिनका हम आदर करते हैं
गुलाम नबी आजाद से लेकर हार्दिक पटेल तक में फैले असंतोष पर अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि बीते कुछ सालों में कांग्रेस सत्ता से बाहर गई है. इसे कांग्रेस की कमजोरी कहा जा सकता है, लेकिन वह नहीं जो आप कह रहे हैं.
नई दिल्ली: जम्मू में आज गुलाम नबी आजाद की अध्यक्षता में कांग्रेस के नाराज नेताओं की हुई बैठक पर कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि कांग्रेस को लगता है कि जब पांच राज्यों में चुनाव हैं तो ये नेता चुनावी राज्यों में कांग्रेस को मजबूत करते. उन्होंने कहा कि सभी सम्मानित व्यक्ति हैं. ये सभी कांग्रेस परिवार का अभिन्न हिस्सा हैं, जिनका हम आदर करते हैं.
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "हमें और उन्हें गर्व है कि उन्होंने (गुलाम नबी आजाद) संसद में 7 टर्म बिताए हैं. सोनिया गांधी ने उन्हें जम्मू कश्मीर का मुख्यमंत्री बनाया. कभी मंत्री रहे कभी महासचिव. जिन लोगों ने आजाद के 'इस्तेमाल' का सवाल उठाया है, उन्हें शायद इस इतिहास की जानकारी नहीं है."
गुलाम नबी आजाद से लेकर हार्दिक पटेल तक में फैले असंतोष पर सिंघवी ने कहा कि बीते कुछ सालों में कांग्रेस सत्ता से बाहर गई है. इसे कांग्रेस की कमजोरी कहा जा सकता है, लेकिन वह नहीं जो आप कह रहे हैं.
जम्मू में कपिल सिब्बल ने क्या कहा
जम्मू में आज गांधी ग्लोबल फैमिली की बैठक में कांग्रेस के तमाम नेता जुटे. इस शांति सम्मेलन में आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मनीष तिवारी, राज बब्बर जैसे कांग्रेस के G-23 नेता शामिल हुए. यहां कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कमजोर होती दिख रही कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने की बात कही. साथ ही उन्होंने सवाल भी उठाया कि कांग्रेस पार्टी गुलाम नबी आजादी के अनुभव का इस्तेमाल क्यों नहीं कर रही.
कपिल सिब्बल ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी हमें कमजोर होती दिख रही हैं. हम यहां जमा हुए हैं, हमें पार्टी को मजबूत करना है. गांधी जी सचाई पर चलते हैं लेकिन ये सरकार झूठ बोल रही है. गुलाम नबी आजाद अनुभवी और इंजीनियर हैं. हर प्रदेश में कांग्रेस की असली स्थिति से परिचित है. हम नहीं चाहते थे कि उन्हें संसद से आजादी मिले. इनके अनुभव को कांग्रेस उपयोग क्यों नहीं कर रही है.'
सिब्बल ने आगे कहा, "कांग्रेस पार्टी को हर जिले प्रदेश में मजबूत करने के लिए काम करेंगे. अगर कांग्रेस कमजोर हुई तो देश कमजोर होगा. देश के सामने समस्या इस देश मे ऐसे राजनेता और राजनीति जिसका दृष्टिकोण पार्टी को बढ़ाने में लगा है."