Udhayanidhi Stalin Remarks Row: तमिलनाडु के मंत्री और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन की सनातन धर्म पर की गई टिप्पणी का मामला थमता नहीं दिख रहा. अब कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद (Acharya Pramod) ने उदयनिधि स्टालिन के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है.
आचार्य प्रमोद ने रविवार (24 सितंबर) को कहा, "सनातन धर्म को गाली देना धर्मनिरपेक्षता नहीं है. यह कृत्य (सनातन धर्म को गाली देना) देश में कई लोगों को आहत कर रहा है. सनातन के बिना भारत की कल्पना भी नहीं की जा सकती."
"उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए"
कांग्रेस नेता ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा, "सनातन धर्म को गाली देना एक फैशन बन गया है. कभी कोई समाजवादी पार्टी का नेता इसे गाली देता है, तो कभी कोई डीएमके नेता इसे गाली देता है. इन सभी ने संविधान की शपथ ली है. इसलिए मुझे लगता है कि अगर कोई नेता संविधान की शपथ लेने के बाद सनातन धर्म को गाली दे रहा है उन्हें बर्खास्त कर देना चाहिए."
डेंगू, मलेरिया से की थी सनातन की तुलना
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने हाल ही में डेंगू, मलेरिया और कोरोना से सनातन धर्म की तुलना करते हुए इसे खत्म करने की मांग की थी. उनकी इस टिप्पणी के बाद बीजेपी ने डीएमके समेत अन्य विपक्षी दलों पर जोरदार हमला बोला.
विपक्षी गठबंधन ने नेताओं ने भी किया किनारा
डीएमके विपक्षी गठबंधन इंडिया का हिस्सा है. कांग्रेस समेत विपक्षी गठबंधन के कई अन्य दलों ने खुद को उदयनिधि के बयान से अलग करते हुए कहा कि हमें सभी धर्मों का सम्मान कर चाहिए. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उदयनिधि स्टालिन को इस तरह के बयान देने से बचने की सलाह दी थी.
ये मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंच गया है. कोर्ट में याचिका दायर कर स्टालिन और अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गई है. जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्टालिन और राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा था.
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