कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी बोले- राजस्थान में राष्ट्रपति शासन लगाने का रास्ता तलाश रहे राज्यपाल
कांग्रेस नेता ने कहा, ''राजस्थान के माननीय राज्यपाल, आपके कदमों से संकेत मिलता है कि आप राजस्थान में (अनुच्छेद) 356 (राष्ट्रपति शासन) लागू करने का रास्ता तलाश रहे हैं और राजस्थान को हथियाना चाहते हैं.''
कोलकाता: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने राजस्थान विधानसभा सत्र के लिए प्रस्ताव खारिज करने को लेकर मंगलवार को राज्यपाल कलराज मिश्र की आलोचना की. साथ ही, उन्होंने कहा कि राज्यपाल की कार्रवाई से संकेत मिलता है कि वह राज्य में राष्ट्रपति शासन थोपने का रास्ता तलाश रहे हैं.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता चौधरी ने ट्विटर पर कहा, ''राजस्थान के राज्यपाल ने आगे 21 दिनों के लिए सदन की कार्यवाही रोक दी है. निश्चित तौर पर भाजपा को इससे अपनी स्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी.''
पश्चिम बंगाल के बहरामपुर से सांसद चौधरी ने कहा, ''कांग्रेस और उसके सहयोगी किसी भी साजिश को नाकाम करने के लिए दृढ़ हैं. कलराज जी की कला काबिले तारीफ जरूर है.'' उन्होंने ट्विटर पर लिखा, ''राजस्थान के माननीय राज्यपाल, आपके कदमों से संकेत मिलता है कि आप राजस्थान में (अनुच्छेद) 356 (राष्ट्रपति शासन) लागू करने का रास्ता तलाश रहे हैं और राजस्थान को हथियाना चाहते हैं. मत भूलिए राजस्थान योद्धाओं की भूमि है. राणा प्रताप से लेकर पन्ना धाय का जन्म वहीं हुआ था.''
Hon'ble Governor, Rajasthan, your actions suggest that you are exploring the ways and means to impose 356 in #Rajasthan and hell bent upon grabbing Rajasthan, don't forget that Rajasthan is a land of warriors, Rana Pratap to Panna dai were born there.
— Adhir Chowdhury (@adhirrcinc) July 28, 2020
राजस्थान सरकार ने राज्यपाल को फिर भेजा प्रस्ताव
इस बीच, राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने विधानसभा सत्र 31 जुलाई से बुलाने के लिए मंगलवार को एक बार फिर प्रस्ताव राज्यपाल कलराज मिश्र को भेजा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में राज्यपाल की तरफ से मांगे गये स्पष्टीकरण पर चर्चा की गई. जिसके बाद प्रस्ताव राज्यपाल को भेज दिया गया है.
राजस्थान में जारी राजनीतिक रस्साकशी के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा सत्र बुलाने का कैबिनेट का प्रस्ताव दुबारा वापस सरकार को भेज दिया था. राज्य सरकार ने शनिवार रात को जो संशोधित कैबिनेट प्रस्ताव राज्यपाल को भेजा गया था उसमें विधानसभा सत्र 31 जुलाई से बुलाने की बात थी. लेकिन राज्यपाल ने इस प्रस्ताव को तीन बिंदुओं के साथ सरकार को लौटा दिया.
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