गांधीनगर: 71 साल के कांग्रेस नेता अहमद पटेल को भरूच जिले के उनके पैतृक गांव की मिट्टी में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया है. उनकी इच्छा थी कि वह अपने माता-पिता की कब्रों के साथ पिरमान गांव में दफन हो जाएं. उनके पार्थिव शरीर को बुधवार शाम वडोदरा एयरपोर्ट पर उतारा गया था, जहां से उन्हें पिरमान गांव ले जाया गया. एयरपोर्ट पर गुजरात कांग्रेस के ज्यादातर टॉप नेता उपस्थित थे. कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी मौजूद रहे.


राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी, गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल, गुजरात बीजेपी अध्यक्ष सीआर पाटिल, गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमित चावड़ा, सहित देश के शीर्ष राजनेताओं से शोक संवेदना व्यक्त की गई. विपक्षी परेश धनानी, सभा सदस्य शक्तिसिंह गोहिल और गुजरात के पूर्व सीएम शंकरसिंह वाघेला सहित अन्य ने पटेल के प्रति शोक प्रकट किया.


अहमद पटेल का राजनीतिक परिचय
अहमद पटेल को साल 2018 में कांग्रेस पार्टी का कोषाध्यक्ष बनाया गया था. इससे पहले, पार्टी के दिग्गज नेता और गांधी परिवार के करीबी मोतीलाल वोरा के पास यह जिम्मेदारी थी. मोतीलाल वोरा करीब दो दशक तक बतौर कोषाध्यक्ष इस जिम्मेदारी को संभाला था. बढ़ती उम्र का हवाला देकर राहुल गांधी ने 2018 में उन्हें इस जिम्मेदारी से मुक्त किया था. मोतीलाल वोरा और अहमद पटेल के बारे में कहा जाता है कि वे दोनों काफी करीबी थे.


21 अगस्त 1949 को अहमद पटेल का जन्म गुजरात में हुआ था. अहमद पटेल तीन बार लोकसभा के चुनाव में जीत हासिल कर चुके थे. इसके अलावा 5 बार राज्यसभा के सांसद भी रह चुके हैं. 1977 में 28 साल की उम्र में पहली बार भरूच से लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे थे.


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