Adani-Hindenburg Row: 'निजी हितों के चलते तानाशाह सत्ता के गुण गा रहे हैं', कांग्रेस नेता अलका लांबा का शरद पवार पर हमला
शरद पवार ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को लेकर हो रही बयानबाजी की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान पहले भी दिए हैं, लेकिन इस बार मुद्दे को जरूरत से ज्यादा महत्व दिया गया.
Congress On Sharad Pawar: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के चीफ शरद पवार के अडानी (Adani) मुद्दे को लेकर दिए बयान के बाद सियासत तेज हो गई है. अब कांग्रेस नेता अलका लांबा (Alka Lamba) ने शरद पवार पर हमला बोला है. उन्होंने शनिवार (8 अप्रैल) को ट्वीट किया, "डरे हुए, लालची लोग ही आज अपने निजी हितों के चलते तानाशाह सत्ता के गुण गा रहे हैं. देश के लोगों की लड़ाई एक अकेले राहुल गांधी लड़ रहे हैं. पूंजीपति चोरों से भी और चोरों को बचाने वाले चौकीदार से भी."
दरअसल, शरद पवार ने शनिवार को कहा था कि वह अडानी ग्रुप के खिलाफ आरोपों की जेपीसी से जांच के पूरी तरह से खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट की एक समिति अधिक उपयुक्त और प्रभावी होगी. पवार ने एनडीटीवी के साथ बातचीत में अडानी समूह का बचाव किया और उसके संबंध में हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के आधार पर गढ़े जा रहे विमर्श की आलोचना की थी.
शरद पवार ने क्या कहा?
पवार ने कहा था कि अगर जेपीसी में 21 सदस्य हैं, तो संसद में संख्या बल के कारण 15 सत्ता पक्ष से और छह विपक्षी दलों से होंगे, जो समिति पर संदेह पैदा करेगा. मैं पूरी तरह से जेपीसी के खिलाफ नहीं हूं. कई बार जेपीसी गठित हुई है और मैं कुछ जेपीसी का अध्यक्ष रहा हूं. जेपीसी का गठन (संसद में) बहुमत के आधार पर किया जाएगा. जेपीसी के बजाय, मेरा विचार है कि सुप्रीम कोर्ट की समिति अधिक उपयुक्त और प्रभावी होगी.
डरे हुए - लालची लोग ही आज अपने निजी हितों के चलते तानाशाह सत्ता के गुण गा रहे हैं - देश के लोगों की लड़ाई एक अकेला @RahulGandhi लड़ रहा है - पूंजीपति चोरों से भी और चोरों को बचाने वाले चौकीदार से भी.#Modani pic.twitter.com/JNt88bjTNU
— Alka Lamba (@LambaAlka) April 8, 2023
विपक्षी दलों में आई दरार?
एनसीपी प्रमुख ने ये भी कहा कि उन्हें अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च के पिछले इतिहास की जानकारी नहीं है, जिसने अरबपति गौतम अडानी की कंपनियों में शेयर में हेरफेर और धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल ने केंद्र सरकार के खिलाफ जेपीसी जांच की मांग करते हुए जोरदार विरोध किया है. वहीं अडानी ग्रुप ने आरोपों का खंडन किया है. इस बयान के बाद विपक्षी दलों में दरार आने के कयास शुरू हो गए हैं.
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