नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर पीएम मोदी के वार पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि भय और अनिश्चितता का वातावरण हमारे द्वारा नहीं, बल्कि दोनों सदनों में गृह मंत्री द्वारा दिए गए उन बयान से पैदा हुआ, जिनमें उन्होंने कहा था कि एनआरसी लागू होगा.
उन्होंने कहा, ''प्रधानमंत्री को एनआरसी, सीएए जैसे मुद्दों पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रीय एकता परिषद की बैठक बुलानी चाहिए.'' पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने कहा, ‘‘दोनों सदनों में गृह मंत्री के बयान से भय और अनिश्चितता का माहौल बना है. सरकार इसके लिए जिम्मेदार है.’’ इस समय देश भर में सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री इस मुद्दे को लेकर अगर ‘‘संवेदनशील और गंभीर’’ हैं, तो उन्हें उपचारात्मक उपाए करने चाहिए और इस मामले पर चर्चा करने के लिए उन्हें राष्ट्रीय एकता परिषद (एनआईसी) में सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलानी चाहिए.
आनंद शर्मा ने कहा, “नागरिकता संशोधन कानून से जुड़ा मामला उच्चतम न्यायालय में लंबित है. इसलिए इंतजार करना चाहिए. इसे लागू नहीं करना चहिये.” उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर की स्थिति का भी ध्यान देना चाहिए और प्रदर्शन कर रहे लोगों की बात सुननी चाहिए.
कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा, ''CAA और NRC के बारे में चिंता का सबसे बड़ा विषय है- संविधान की आत्मा पर सीधा हमला. अब जब संविधान पर ही हमला हो जाएगा, तो कौन सुरक्षित होगा. क्योंकि, आज भारतवासी जो कुछ भी हैं, संविधान की बदौलत ही तो हैं.''
प्रधानमंत्री मोदी ने आज दिल्ली के रामलीला मैदान में रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस समेत समूचे विपक्ष पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया. साथ ही उन्होंने कहा कि जो हिंदुस्तान की मिट्टी के मुसलमान हैं, उनसे नागरिकता कानून और एनआरसी दोनों का ही कोई लेना-देना नहीं है.
पीएम मोदी ने कहा कि ये लोग किस तरह अपने स्वार्थ के लिए, अपनी राजनीति के लिए किस हद तक जा रहे हैं, ये पिछले हफ्ते सभी देखा है. जो बयान दिए गए, झूठे वीडियो, उकसाने वाली बातें कहीं, उच्च स्तर पर बैठे लोगों ने सोशल मीडिया पर डालकर भ्रम और आग फैलाने का गुनाह किया है.
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