नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने कोरोना को फैलने से रोकने के लिए मोदी सरकार की ओर से उठाए कदमों के सही बताया है. दरअसल, आनंद शर्मा गृह मंत्रालय से जुड़ी संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं जिन्होंने अपनी रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया है. समिति ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू को सौंपी.


रिपोर्ट में कोरोना के प्रबंधन और उसकी रोकथाम के लिए मोदी सरकार के कदमों की सराहना की गई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि विदेशों से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग के लिए दुनिया के बाकी देशों से पहले भारत में कदम उठाए गए. हालांकि ये भी कहा गया है कि मार्च में बाहर से आने वाले केवल उन यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई जिन्हें तेज़ बुखार था, लेकिन उन यात्रियों की नहीं जिनमें कोई लक्षण नहीं था या जिन्होंने यहां पहुंचने से पहले दवा ले ली थी.


अचानक लॉकडाउन की घोषणा वायरस को रोकने के लिए अहम कदम था- समिति


समिति ने अपनी रिपोर्ट में लॉकडाउन को लेकर विस्तार से चर्चा की है. समिति ने लॉकडाउन से हुई परेशानियों और व्यवधानों का जिक्र तो किया है लेकिन अचानक लगे लॉकडाउन को समय की जरूरत और वायरस को रोकने के लिए उठाया गया कदम बताया है. समिति के मुताबिक लॉकडाउन का मुख्य उद्देश्य देशभर में एक समान नियम लागू करना, संक्रमण को उच्चतम स्तर तक पहुंचने की गति को धीमा करना और स्वास्थ्य व्यवस्था को नई चुनौतियों के अनुकूल बनाना था. समिति ने साफ शब्दों में कहा है कि लोकडाउन से देश में स्वास्थ्य का ढांचा खड़ा करने और अस्पतालों की क्षमता बढ़ाने का समय मिला.


समिति ने लॉकडाउन के दौरान घर लौटने के दौरान कुछ प्रवासी मजदूरों की मौत का जिक्र किया है लेकिन कोई संख्या नहीं बताई है. समिति ने लॉकडाउन के दौरान लोगों की दिक्कतें दूर करने के लिए उठाए गए कदमों की भी तारीफ की है. समिति के मुताबिक इनमें सबसे प्रमुख था प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना. इसके तहत देशभर में जरूरतमंदों को मुफ्त अनाज मुहैया कराई गई. देश में अचानक लगाए गए लॉकडाउन को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल लगातार सरकार को घेरते रहे हैं. दो दिनों पहले ही कांग्रेस नेता राहुल गांधी में लॉकडाउन को लेकर सरकार पर हमला बोला था.


बिना योजना के लगाए गए लॉकडाउन से लाखों लोगों का जीवन बर्बाद हुआ- राहुल गांधी


राहुल गांधी ने 19 दिसंबर को ट्विटर पर लिखा था- "एक करोड़ संक्रमित और डेढ़ लाख लोगों की मौत, बिना योजना के लगाए गए लॉकडाउन से 21 दिनों में कोरोना के खिलाफ तो लड़ाई नहीं जीत सके लेकिन इसने लाखों लोगों का जीवन बर्बाद जरूर कर दिया." अब कांग्रेस के ही एक वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली समिति की ये रिपोर्ट से सरकार को थोड़ी राहत ज़रूर मिलेगी.


समिति ने ये भी माना है कि कोरोना संकट ने पूरी दुनिया के सामने अभूतपूर्व चुनौती खड़ी कर दी जिसके लिए न तो सरकारें तैयार थीं और न ही लोग. समिति का आकलन है कि ये महामारी जल्दी खत्म नहीं होगी और इसलिए सरकार को इसके लिए एक दूरगामी योजना बनानी चाहिए. महामारी से सबक लेते हुए देशभर में प्रवासी मजदूरों का एक डेटाबेस बनाना चाहिए जिससे जरूरत पड़ने पर उनकी मदद आसानी से की जा सके.


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