New Parliament: नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर कांग्रेस हमलावर, राष्ट्रपति का जिक्र कर आनंद शर्मा ने क्या कुछ कहा?
Congress On New Parliament: राजधानी दिल्ली में नया संसद भवन बनकर तैयार है. 28 मई को इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी करेंगे लेकिन कांग्रेस जोर दे रही है कि यह काम राष्ट्रपति के हाथों किया जाना चाहिए.
Anand Sharma On New Parliament Building: 28 मई को होने वाले संसद के नए भवन के उद्घाटन से पहले कांग्रेस केंद्र सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों कराने पर जोर दे रही है.
सबसे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, फिर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अब वरिष्ठ कांग्रेसी आनंद शर्मा ने जोर देकर कहा है कि संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को करना चाहिए. शेड्यूल के मुताबिक, 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे.
आनंद शर्मा का वीडियो
#WATCH | It is not constitutionally correct to take major decision about the Parliament excluding the President from the decision-making from the foundation stone laying, now for the inauguration: Congress MP Anand Sharma pic.twitter.com/ou6AEn0yP7
— ANI (@ANI) May 22, 2023
'राष्ट्रपति को कार्यक्रम से दूर रखना उचित नहीं'
सोमवार (22 मई) को मीडिया को संबोधित करते हुए आनंद शर्मा ने कहा कि संसद के शिलान्यास से लेकर अब उद्घाटन तक राष्ट्रपति को छोड़कर बड़ा फैसला लेना संवैधानिक रूप से सही नहीं है. उन्होंने कहा, ''संसद के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित करना चाहिए.'' उन्होंने कहा कि अनुसूचित जनजाति की राष्ट्रपति को इस कार्यक्रम से दूर रखना उचित नहीं है.
शर्मा ने कहा कि पीएम के लिए संसद के नए भवन का उद्घाटन करना संवैधानिक रूप से सही नहीं होगा. किसी बड़े लोकतंत्र ने ऐसा नहीं किया है. कांग्रेस नेता ने कई उदाहरण भी गिनाए.
मोदी सरकार पर आनंद शर्मा का निशाना
परोक्ष रूप से मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए आनंद शर्मा ने कहा, ''कुछ साल पहले कोरोना महामारी के दौरान जब देश में त्राहि-त्राहि मची थी, तब नई संसद बनाने का फैसला किया गया. आज तक दुनिया के किसी प्रजातंत्र ने अपनी संसद को नहीं बदला है.''
और क्या बोले शर्मा?
आनंद शर्मा ने कहा, ''यूके की पालियामेंट वेस्टमिंस्टर उसी जगह पर है जहां 1215 में बनी थी, 1108 साल पहले. 1834 में आग लगने से ध्वस्त हुई थी. उसको 1840 से दोबारा बनाया जो मौजूदा इमारत है. पहले लकड़ी की थी. 1876 में (कार्य) संपन्न हुआ. 539 साल से वहीं पर यूके की संसद है. अमेरिका में सिविल वॉर के बाद, यूएस कांग्रेस की स्थापना कैपिटल हिल में की गई थी. वह 1792 में हुई थी. 531 वर्ष हो गए, इन देशों के पास भी पैसा है, तकनीक है, उनकी भी ख्वाहिश है पर वो महत्व समझते हैं स्थान का.''
कांग्रेस नेता ने कहा, ''हमारी (संसद भवन) तो इनकी (विदेशों के संसद भवन) की तुलना में बहुत कम आयु की है और बड़ी मजबूत इमारत है, जिसको आप सबने देखा... उससे इतिहास जुड़ा है भारत की आजादी का. वो केवल एक इमारत नहीं है. भारत के लिए, भारत की जनता के लिए. अब ये कहना आसान है कि अंग्रेजों के वक्त की बनी थी. किसका पैसा था? भारत का. कहां के कारीगर थे? हिंदुस्तान के. कहां के मजदूर थे? हिंदुस्तान के. रेड सेंड स्टोन कहां था? हिंदुस्तान का. दिल्ली से 40 किलोमीटर दूर जो अरावली के पहाड़ हैं, वहां से ये पत्थर थे. सरकार को ये बातें जो उठाई जा रहीं आज, उसका जवाब तो देना पड़ेगा.''
राहुल गांधी ने ये कहा
रविवार (21 मई) को राहुल गांधी ने अपने आधिकारिक हैंडल से एक लाइन का ट्वीट किया था, जिसके बाद से नए संसद भवन का उद्घाटन एक राजनीतिक मुद्दे में तब्दील होता दिख रहा है. राहुल गांधी ने ट्वीट किया था, ''नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं!''
नए संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति जी को ही करना चाहिए, प्रधानमंत्री को नहीं!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 21, 2023
कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी सरकार को घेरा
इसके बाद सोमवार (22 मई) को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, ''लगता है कि मोदी सरकार ने अनुसूचित जाति और आदिवासी समुदायों से राष्ट्रपति इसलिए चुना ताकि राजनीतिक लाभ लिया जा सके. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह के लिए आमंत्रित नहीं किया गया. मौजूदा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भी इस समारोह के लिए आमंत्रित नहीं किया जा रहा है.''
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रपति मुर्मू सरकार, विपक्ष और प्रत्येक नागरिक का प्रतिनिधित्व करती हैं. वह देश की प्रथम नागरिक हैं. अगर संसद की नई इमारत का उद्घाटन वही करतीं तो यह लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मर्यादा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाएगा.
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