मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने दावा किया है कि देवेंद्र फडणवीस की सरकार विधानसभा में बहुमत साबित करने में नाकामयाब रहेगी. उन्होंने कहा कि राज्य में बीजेपी की सरकार बनाने के लिए लोकतांत्रिक मूल्यों के साथ छेड़छाड़ की गई है.
अशोक चव्हाण ने कहा कि प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बावजूद बीजेपी अपनी कोशिश में नाकाम रही है. उन्होंने कहा कि अजित पवार के पास विधायकों का समर्थन नहीं है और एनसीपी के 54 में से 48 विधायक आज शरद पवार की बुलाई बैठक में पहुंचे हैं. उन्होंने कहा कि अजित पवार के खेमे में 3-4 से अधिक विधायक नहीं रहेंगे और प्रदेश में सरकार बनाने के लिए जिस संख्या की जरूरत है वह शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी मिलकर हासिल करेगी.
उन्होंने कहा कि 30 नवंबर तक विधायकों को अपने पाले में करने के लिए बीजेपी कई हथकंडे अपना सकती है. इससे विधायकों को बचाने के लिए उन्हें सुरक्षित जगहों पर रखने की जरूरत है. कांग्रेस नेता ने कहा कि कांग्रेस के सभी 44 विधायक एक हैं और शिवसेना और एनसीपी के विधायक भी एकजुट हैं. विधायकों को सुरक्षित जगहों पर रखने की बात पर उन्होंने कहा कि बीजेपी ने लोकतांत्रिक मूल्यों को तोड़-मरोड़ दिया है जिस कारण एमएलए को सुरक्षित स्थानों पर रखने की जरूरत पड़ती है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि बीजेपी के कारण महाराष्ट्र की राजनीति निचले स्तर पर पहुंच गई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकार गठन को लेकर बहुत सारी चीजें तय हो गई हैं और महाराष्ट्र में एक मजबूत सरकार देने के लिए तीनों पार्टी (कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी) एकजुट है.
बता दें कि आज सुबह महाराष्ट्र में बीजेपी और एनसीपी ने मिलकर सरकार का गठन किया. एनसीपी नेता अजित पवार ने बीजेपी को समर्थन दिया और वह उपमुख्यमंत्री बने. अजित पवार के इस निर्णय से एनसीपी चीफ नाखुश हैं और उन्होंने कहा कि अजित पवार का बीजेपी से हाथ मिलाना उनका निजी फैसला है. इससे पार्टी का लेनादेना नहीं है.
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