(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बिहार में हार पर कांग्रेस में नए सिरे से कलह, कपिल सिब्बल ने उठाए सवाल तो अशोक गहलोत ने दी ये सलाह
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने बिहार चुनाव परिणाम के बाद कहा है कि ऐसा लगता है कि पार्टी नेतृत्व ने शायद हर चुनाव में पराजय को ही अपनी नियति मान ली है.
नई दिल्ली: बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीद मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर सकी. इसके बाद कांग्रेस में अब नए सिरे से कलह शुरू हो गया है. पूर्व केंद्रीय मंत्री सिब्बल ने कहा है कि ऐसा लगता है कि पार्टी नेतृत्व ने शायद हर चुनाव में पराजय को ही अपनी नियति मान ली है.
उन्होंने कहा कि बिहार ही नहीं, उपचुनावों के नतीजों से भी ऐसा लग रहा है कि देश के लोग कांग्रेस पार्टी को प्रभावी विकल्प नहीं मान रहे हैं.
पिछले दिनों सिब्बल समेत कांग्रेस के 23 वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को संगठन का कायाकल्प करने का सुझाव दिया था. तब राहुल गांधी ने एक बैठक में कथित तौर पर कपिल सिब्बल को निशाने पर लिया था.
कपिल सिब्बल के बयान के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे और तमिलनाडु में शिवगंगा से लोकसभा सांसद कार्ति चिदंबरम ने उनका समर्थन किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लिए यह आत्मविश्लेषण, चिंतन का समय है.
It’s time we introspect, ideate, consult & act @INCIndia https://t.co/Rz4mtA6eu1
— Karti P Chidambaram (@KartiPC) November 16, 2020
इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने कहा था कि बिहार चुनाव के लिए सीट बंटवारा समझौते को अंतिम रूप दिए जाने में देरी के कारण महागठबंधन के प्रदर्शन पर बुरा असर पड़ा.
गहलोत का सिब्बल पर निशाना
कपिल सिब्बल के बयान पर राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा, ''कपिल सिब्बल को पार्टी के अंदरूनी मामले के बारे में मीडिया में जिक्र करने की जरूरत नहीं थी. उनके बयान से पार्टी कार्यकर्ताओं को ठेस पहुंची है.''
गहलोत ने कहा, '' 1969, 1977, 1989 और 1996 में भी कांग्रेस ने संकट देखा, हर बार पार्टी की नीतियों और आदर्श से हम फिर उठकर बाहर आए.'' उन्होंने कहा कि इस बार हार के कई कारण हैं. लेकिन हर बार की तरह हम ऐसे संकट से और मजबूत होकर निकलते रहे हैं.''
There was no need for Mr Kapil Sibal to mentioned our internal issue in Media, this has hurt the sentiments of party workers across the country. 1/
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) November 16, 2020
अशोक गहलोत ने कहा, ''आज भी, कांग्रेस एकमात्र ऐसी पार्टी है जो इस देश को एकजुट रख सकती है और इसे व्यापक विकास के पथ पर आगे ले जा सकती है.''
बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस लालू यादव की पार्टी आरजेडी और वामदलों के साथ महागठबंधन में थी. आरजेडी और वामदलों की अपेक्षा कांग्रेस का स्ट्राइक रेट काफी कम रहा.
कांग्रेस 70 सीटों पर चुनाव लड़ी और मात्र 19 सीट ही जीत सकी. वहीं वामदलों ने 29 सीटों पर हाथ आजमाया और वह 16 सीटों पर जीतने में सफल रही. आरजेडी ने 144 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे और 75 सीट जीतने में कामयाब रही.
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