नई दिल्ली: हरियाणा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के एनआरसी लागू करने के एलान पर कांग्रेस का रुख रक्षात्मक है. हरियाणा कांग्रेस विधायक दल के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इसको लेकर पूछे गए सवाल पर कहा कि "जो मुख्यमंत्री ने कहा वो कानून है. जो विदेशी है उसे बाहर जाना ही होगा. उनकी पहचान करना सरकार का काम है."
भूपेंद्र हुड्डा की इस प्रतिक्रिया को हरियाणा में एनआरसी के मुद्दे पर मुख्यमंत्री खट्टर के बयान के समर्थन के तौर पर देखा जा रहा है. मुख्यमंत्री खट्टर ने रविवार को पंचकुला में पूर्व नेवी चीफ सुनिल लांबा और पूर्व जस्टिस एचएस भल्ला से मुलाकात के बाद कहा, ''हम हरियाणा में एनआरसी लागू करेंगे.'
मुख्यमंत्री के इसी बयान पर हुड्डा ने ये प्रतिक्रिया दिल्ली के कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी जो आईएनएलडी छोड़ कर कांग्रेस में शामिल होने आए नेताओं के लिए आयोजित किया गया था.
हुड्डा ने जब ये बयान दिया तब उनके बगल में पार्टी महासचिव और हरियाणा के प्रभारी गुलाम नबी आजाद भी बैठे थे लेकिन उन्होंने कोई टिप्पणी नहीं की. हालांकि अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के सवाल पर आजाद की प्रतिक्रिया पहले से नरम थी. आजाद ने कहा कि "लड़ाई तब तक थी जब तक कानून नहीं बना था. अब बात हाथ से निकल चुकी है. कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट गए हैं, सुप्रीम कोर्ट को तय करना है."
आपको याद दिला दें कि हुड्डा इससे पहले जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के केंद्र सरकार के फैसले का समर्थन कर चुके हैं जबकि कांग्रेस ने केंद्र सरकार के इस फैसले का काफी विरोध किया था. भूपेंद्र सिंह हुड्डा की तरह ही उनके बेटे कांग्रेस नेता दीपेंदर हुड्डा ने भी अनुच्छेद 370 खत्म करने का समर्थन किया था. जाहिर है अब जब एनआरसी पर भी भूपेन्द्र हुड्डा ने खट्टर की आलोचना नहीं की तो मतलब यही निकाला जा रहा है कि हुड्डा इसके पक्ष में है.
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हालांकि हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी शैलजा से जब एबीपी न्यूज ने हरियाणा में एनआरसी को लेकर मुख्यमंत्री खट्टर के बयान पर प्रतिक्रिया पूछी तो उन्होंने कहा कि एनआरसी हरियाणा का मुद्दा नहीं है.
उन्होंने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि "चुनाव आ गए तो एनआरसी की याद आई है. पांच सालों से क्या कर रहे थे? एनआरसी को चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश इसलिए की जा रही है क्योंकि इन्हें मालूम है कि लोगों के पास जाने के लिए ठोस बात नहीं है. पांच साल तक लोगों के लिए कोई काम नहीं किया केवल खोखले वादे किए. नोटबन्दी की, जीएसटी से हरियाणा का सारा उद्योग खत्म कर दिया. लोगों में हाहाकार मचा हुआ है. युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहे."
शैलजा से जब ये पूछा गया कि बीजेपी की तरफ से एनआरसी और 370 जैसे मुद्दों को उठाने से कांग्रेस की चुनौती बढ़ेगी? शैलजा ने कहा कि "हरियाणा के लिए एनआरसी कोई मुद्दा ही नहीं है. हरियाणा की जनता के लिए ना तो एनआरसी मुद्दा है ना ही अनुच्छेद 370. हरियाणा को अपनी बेहतरी के लिए नीति और कार्यक्रम चाहिए जो देने में बीजेपी पूरी तरफ विफल रही है.
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जाहिर है इन मुद्दों पर हरियाणा कांग्रेस के नेताओं की प्रतिक्रिया से साफ है कि वो खुल कर एनआरसी की मांग या अनुच्छेद 370 हटाए जाने का विरोध नहीं करना चाहते. इसके पीछे रणनीति ये है कि विधानसभा चुनाव में ये मुद्दे हावी ना हों जिससे कि बीजेपी के पक्ष में गोलबंदी हो. इसकी बजाए कांग्रेस स्थानीय मुद्दों पर सरकार को घेरना चाहती है ताकि प्रदेश में एंटी-इनकम्बेंसी को भुनाया जा सके.