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विवाद खड़ा करने वाले अधीर रंजन चौधरी पहले नेता नहीं, कांग्रेस के ये नेता भी करा चुके हैं पार्टी की फजीहत

Congress Controversial Statements: कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का राष्ट्रपति को लेकर दिया गया बयान पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी को बैठे बिठाए कोई मुद्दा दिया हो.

Congress Leader Controversial Statements: कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chaudhary) के राष्ट्रपति को लेकर दिए गए विवादित बयान के बाद कांग्रेस (Congress) की खूब फजीहत हुई है. कांग्रेस नेता ने अपने बयान के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) से माफी मांग ली है. दरअसल अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति के लिए राष्ट्रपत्नी शब्द का प्रयोग किया था. जिसके बाद बीजेपी (BJP) ने संसद के दोनों सदनों में इस मामले को लेकर खूब हंगामा किया. बहरहाल ये पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस के नेताओं ने बीजेपी को बैठे बिठाए कोई मुद्दा दिया हो. इससे पहले भी कई बार कांग्रेस नेताओं के बयानों से पार्टी की फजीहत हुई है. हम आपको कांग्रेस नेताओं के हाल ही कुछ ऐसे ही बयानों के बारे में बताने जा रहे हैं.

कांग्रेस नेताओं के ऐसे बयानों में सबसे ज्यादा चर्चित बयान वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर के रहे हैं. उन्होंने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान नरेंद्र मोदी को चायवाला कहा था और उनकी प्रधानमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा का मजाक उड़ाया था. उन्होंने कहा था कि मोदी कांग्रेस की बैठकों में चाय बांट सकते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री नहीं बन सकते. चाय बांटने के लिए गुजरात के मुख्यमंत्री के लिए जगह की पहचान की जाएगी. 

मणिशंकर अय्यर के विवादित बयान

माना जाता है कि पीएम मोदी के खिलाफ अय्यर के चर्चित 'चायवाला' बयान ने 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी को बड़ी जीत दिलाने में मदद की थी. मणिशंकर अय्यर ने 2017 के गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर विवादित बयान दिया था और उन्हें 'नीच इंसान' कहा था. इसके लिए  कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता मणिशंकर अय्यर को निलंबित कर दिया था. गुजरात विधानसभा चुनावों में भी बीजेपी की जीत हुई थी. कुछ महीनों बाद अय्यर का निलंबन रद्द कर दिया गया था. 

अधीर रंजन चौधरी पहले भी करा चुके हैं फजीहत

अधीर रंजन चौधरी इससे पहले भी अपने बयानों के कारण पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी करते आए हैं. उन्होंने जम्‍मू कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 हटाए जाने पर विवादित बयान दिया था. सरकार ने तब बाकी देशों से मिल रही प्रतिक्रियाओं पर जवाब देते हुए कहा था कि ये भारत का आंतरिक मामला है. इस पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा था ये आंतरिक मामला कैसे हो सकता है जबकि 1948 से संयुक्‍त राष्‍ट्र इसको मॉनिटर कर रहा है. 

मनीष तिवारी ने अपनी ही पार्टी की सरकार पर उठाया था सवाल

यूपी समेत पांच राज्यों में चुनाव से पहले कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने अपनी किताब में कुछ ऐसे खुलासे किए थे जिसने कांग्रेस को कठघरे में खड़ा कर दिया था. मनीष तिवारी ने अपनी किताब में लिखा था कि भारत को 26/11 के बाद पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए थी. उस वक्त कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सत्ता में थी. उन्होंने लिखा कि जब सैकड़ों निर्दोष लोगों को बेरहमी से कत्ल किया गया, उस समय संयम ताकत की निशानी नहीं है. इसे कमजोरी का प्रतीक माना जाता है. 26/11 एक ऐसा समय था जब कार्रवाई करनी चाहिए थी. 

सोनिया गांधी और सलमान खुर्शीद भी दे चुके हैं विवादित बयान

इससे पहले 2007 के गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा नरेंद्र मोदी को 'मौत का सौदागर' कहने पर भी पार्टी की खूब फजीहत हुई थी. इस सूची में सलमान खुर्शीद का नाम भी है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने अपनी किताब 'सनराइज ओवर अयोध्या: नेशनहुड इन अवर टाइम्स' में हिंदुत्व की तुलना आईएसआईएस और बोको हराम जैसे कट्टरपंथी जिहादी समूहों से की थी. खुर्शीद की किताब को लेकर विवाद यूपी विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले आया था. इस मुद्दे को बीजेपी ने बड़े पैमाने पर उठाया था और इन चुनावों में भी बीजेपी की जीत हुई थी. 

और भी कई नेता दे चुके हैं ऐसे बयान

कांग्रेस नेता जयराम रमेश भी अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं. उन्होंने 2012 में कहा था कि, "देश में शौचालयों से ज्यादा मंदिर हैं." इस मामले को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल सहित कई दक्षिणपंथी संगठनों ने जोरदार विरोध किया था. वहीं 2019 में सैम पित्रोदा की 'हुआ तो हुआ' टिप्पणी को लेकर भी बीजेपी ने कांग्रेस को घेर लिया था. 1984 के सिख विरोधी दंगों पर सैम पित्रोदा ने कहा था कि 'हुआ तो हुआ'. इस टिप्पणी के बाद कांग्रेस को विरोध का सामना करना पड़ा था. 

कांग्रेस ने तब पित्रोदा के बयान से खुद को दूर कर लिया था. पित्रोदा ने बाद में अपने बयान के लिए माफी मांगी थी और इसके लिए उन्होंने अपनी खराब हिंदी को जिम्मेदार ठहराया था. पित्रोदा ने कहा था, "मैंने जो बयान दिया था, वह पूरी तरह से तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया था, क्योंकि मेरी हिंदी अच्छी नहीं है, मेरा मतलब 'जो हुआ वो बुरा हुआ' था, मैं अपने दिमाग में 'बुरा' का अनुवाद नहीं कर सका." 

कांग्रेस विधायक के बयान ने खड़ी की मुश्किलें

हाल ही में ईडी की सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से पूछताछ के दौरान कर्नाटक से कांग्रेस विधायक केआर रमेश कुमार (KR Ramesh Kumar) ने भी कुछ ऐसी बात कही जिसको लेकर पार्टी की फिर से किरकिरी हुई. उन्होंने कहा कि नेहरू, इंदिरा और सोनिया गांधी के नाम पर हमने अपनी तीन चार पीढ़ियों के लिए खबू पैसा बनाया. अगर कांग्रेस और सोनिया गांधी के लिए हम इतना भी त्याग नहीं कर सकते तो ये अच्छा नहीं होगा. हालांकि ये पहली बार नहीं है जब कांग्रेस विधायक ने विवादित बयान दिया हो. इससे पहले भी केआर रमेश कुमार अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं. उन्होंने दिसंबर 2021 में कहा था कि कि रेप रोक न सको तो लेटकर मजे ले लो. इस बयान के बाद कांग्रेस (Congress) की खूब फजीहत हुई थी. 

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