व्हाट्सएप जासूसी पर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सरकार को घेरा
व्हाट्सएप जासूसी मामले को लेकर पिछले कुछ समय से विवाद चल रहा है. इसी मुद्दे को लेकर गुरुवार को राज्यसभा में कांग्रेसी सांसद दिग्विजय सिंह समेत अन्य सांसदों ने सरकार से कई सवाल पूछे.
नई दिल्ली: व्हाट्सएप जासूसी मामले को लेकर पिछले कुछ समय से विवाद चल रहा है. सवाल उठ रहें हैं कि अगर यह जासूसी हुई तो किसके कहने पर? क्या सरकार इसमें सीधे तौर पर शामिल थी या फिर सरकार के इशारे पर किसी जांच एजेंसी ने यह जासूसी करवाई? यह विवाद तब खड़ा हुआ जब देश के 17 लोगों के पास एक कॉल आया जिसमें कहा गया कि उनके फोन में व्हाट्सएप के जरिए जासूसी करवाई गई है. यह जासूसी आम चुनावों से ठीक पहले हुई थी. जैसे ही यह कॉल आने शुरू हुए हड़कंप मच गया और इसी मुद्दे को लेकर गुरुवार को राज्यसभा में कांग्रेसी सांसद दिग्विजय सिंह समेत अन्य सांसदों ने सरकार से कई सवाल पूछे.
दिग्विजय सिंह ने राज्यसभा में मौजूद केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से सवाल पूछा कि
क्या किसी जांच एजेंसी ने स्पाईवेयर के जरिये जासूसी करवाई?
अगर जासूसी हुई है तो क्या सरकार को उसकी जानकारी थी?
क्या लोगों के मौलिक अधिकार का क्या हनन कर जासूसी हुई?
किस-किस का और कुल कितने लोगों का डेटा हैक हुआ?
क्या पीगैसेस साफ्टवेयर के जरिए भीमा कोरेगांव में शामिल लोगों की जासूसी की गई?
क्या उस सॉफ्टवेर के जरिए फोन में कुछ ऑडियो और वीडियो भी प्लांट किया जा सकता है?
क्या ऐसा भीमा कोरेगांव केस में भी हुआ?
दिग्विजय सिंह ने तो यह भी आरोप लगाया इस षडयंत्र में मुझे भी फंसाने की कोशिश की गई. साथ ही बाकी सांसदों ने भी डाटा सुरक्षा पर सवाल उठाए. दिग्विजय के अलावा सीपीआई सांसद के के रागेश ने सरकार से सवाल पूछते हुए कहा कि क्या यह माना जा सकता है कि सरकार इस जासूसी में शामिल नहीं है? अगर ऐसा है तो सरकार डेटा सुरक्षा को लेकर कानून क्यों नहीं ला रही.
इसी तरह से आरजेडी सांसद मनोज झा ने सवाल उठाते हुए कहा कि पीगैसेस सॉफ्टवेयर जासूसी के लिए नहीं बल्कि डाटा, वीडियो और ऑडियो को प्लांट करने के लिए इस्तेमाल होता है और यह बहुत ही गंभीर मामला है. मनोज झा के सवाल को आगे बढ़ाते हुए डीएमके सांसद पी विल्सन ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार इस बात से इंकार नहीं कर रही कि किसी जांच एजेंसी ने स्पाइवेयर पीगैसेस को खरीदा था.
विपक्षी सांसदों के साथ ही बीजेपी सांसद राकेश सिन्हा ने भी यह जरूर माना कि आज की तारीख में डेटा की सुरक्षा कितनी में महत्वपूर्ण है. राकेश सिन्हा का कहना था कि आज हालात यह है कि विदेशी कंपनियों के पास हमारी बहुत सारी जानकारी है. ऐसी जानकारी भी जो मेरे परिवार के पास नहीं है. ऐसे में अगर कोई गैरकानूनी तरीके से जासूसी करता है तो उस को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए.
सरकार का जवाब
सांसदों द्वारा उठाए जा रहे सवाल पर केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जवाब देते हुए कहा कि हमारे देश में करीब 130 करोड़ की आबादी है. करीबन 120 करोड़ मोबाइल हैं. मई में जब व्हाट्सअप में सुरक्ष में सेंध का मामला जब सामने आया तो उसी दौरान हमने व्हाट्सएप कंपनी से बात की. व्हाट्सएप की तरफ से जवाब दिया गया कि हालात में पहले से सुधार हो गया है. भारत सरकार ने इसके साथ ही इस्राइली कम्पनी एनएसओ को भी नोटिस भेज कर जवाब मांगा है.
सवाल ये भी है कि सिर्फ कुछ ही लोगों के बारे में जानकारी मीडिया में कैसे आई. हमारा कानून कहता है कि अगर आपकी जासूसी हुई है और निजता का हनन हुआ है तो आप एफआईआर दर्ज करवा सकते हैं. पर किसी ने इस मामले के सामने आने के बाद अब तक मुकदमा दर्ज नहीं करवाया है. रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस मामले का इस्तेमाल राजनीति करने के लिए ज्यादा किया गया. जासूसी की जानकारी सामने आने के बाद व्हाट्सएप से जानकारी के लिए कहा गया था लेकिन व्हाट्सएप ने 121 नामों को लेकर अब तक की ही तरह की कोई जानकारी साझा नहीं की.
सरकार जल्द लाएगी डाटा प्रोटेक्शन कानून
इस बीच केंद्रीय कानून मंत्री ने डाटा की बढ़ती उपयोगिता और उसकी सुरक्षा को लेकर एक बड़ी जानकारी राज्यसभा के सामने रखी. रविशंकर प्रसाद ने बताया की सरकार जल्द ही लोगों के डाटा को और ज्यादा सुरक्षित करने के लिए डाटा प्रोटेक्शन कानून लाएगी. विपक्ष का आरोप है कि व्हाट्सएप्प जासूसी के मुद्दे पर सरकार ध्यान नहीं दे रही. लेकिन रविशंकर प्रसाद के जवाब से विपक्षी सांसद संतुष्ट नहीं दिखे. दिग्विजय ने इसके बाद कई बार पूछा कि सरकार ने पीगैसस सॉफ्टवेयर खरीदा है या नहीं? क्या एनएसओ से भारत की सरकार या किसी एजेंसी ने एनएसओ के साथ कोई चर्चा खरीदारी या आमंत्रित किया है?
रविशंकर में इन सवालों का जवाब देते हुए कहा कि इसका एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर है. जो भी फैसला लिया जाता है उसी का पालन करते हुए लिया जाता है. लेकिन हमारे देश के लोगों के पास कानून का पूरा अधिकार मौजूद है. अगर किसी की गैरकानूनी तरीके से जासूसी की गई तो फिर उसको मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई करवानी चाहिए.
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