नई दिल्ली: यूपी के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का काम अगस्त के पहले हफ़्ते से शुरू हो जाएगा. राम मंदिर के भूमि पूजन की तारीख 5 अगस्त को तय हो गई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर का भूमि पूजन करेंगे. कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए इस कार्यक्रम में सीमित लोग ही शामिल हो पाएंगे.
अब कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह ने शंकराचार्य को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास में जगह नहीं देने को लेकर नाराजगी जाहिर की है और बताया है कि किस-किस को राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति मिलनी चाहिए.
दिग्विजय सिंह ने कहा,'' हर कोई चाहता है भव्य राम मंदिर का निर्माण हो. लेकिन केंद्र सरकार ने न्यास में शंकराचार्य को जगह नहीं दिया. उनकी जगह विश्व हिन्दू परिषद और बीजेपी नेताओं को सदस्य बनाया गया.''
उन्होंने आगे कहा,'' अगर पीएम मोदी पांच अगस्त को राम मंदिर का भूमि पूजन करेंगे तो सभी शंकराचार्य और स्वामी रामनरेशाचार्य दी जी को समारोह में आमंत्रित किया जाना चाहिए और न्यास के सदस्य बनाया जाना चाहिए.
राम मंदिर मॉडल में कैसा होगा बदलाव
* श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की बैठक में विश्व हिंदू परिषद के प्रस्तावित मॉडल में हल्का बदलाव करने पर भी सहमति बनी है. पहले के मॉडल में गर्भ गृह के मुख्य शिखर के अलावा 2 मंडप (गुम्बद नुमा आकार) मौजूद थे.
* अब 2 की जगह कुल 5 मंडप होंगे.
* पहले प्रस्तावित मॉडल की ऊंचाई 138 फुट थी, जिसको बढ़ाकर 161 फुट करने पर सहमति बनी है.
* वीएचपी के मॉडल के मुताबिक पहले ऊंचाई 138 फुट, लंबाई 268 फुट और चौड़ाई 140 फुट होनी थी. अब लंबाई लगभग उतनी ही रहेगी लेकिन ऊंचाई 161 फुट और चौड़ाई गर्भ गृह के पास कुछ बढ़ जाएगी.
* लेआउट की बात करें तो पहले आयताकार आकर था जिसको आर्किटेक्ट के मुताबिक क्रुसीफार्म आकर का किया जाएगा.
* आकार पहले 313×149 फुट था, जो अब 344×235 फुट होगी.
* शिखर की चोटी 138 फुट से बढ़ाकर 161 फुट किया जाएगा. क्षेत्रफल भी आकार के मुताबिक़ बढ़ेगा.
* इसके अलावा पत्थर की मात्रा पहले 2,43,000 घन फुट था, जो अब नए मॉडल के मुताबिक़ 3,75,000 घन फुट होगा.