दिग्विजय सिंह की नर्मदा किनारे की ये पदयात्रा अब धीरे-धीरे जोर पकड़ने लगी है. नर्मदा के दोनों किनारे की इस तीन हजार किलोमीटर लंबी पदयात्रा में लोग जुड़ने लगे हैं. कांग्रेस नेताओं का दावा है कि भले ही ये उनकी निजी यात्रा हो मगर इससे विधानसभा चुनावों के पहले पार्टी को ताकत मिलेगी. उधर दिग्विजय सिंह ने कहा है कि ये उनकी निजी आध्यात्मिक यात्रा है.
ये यात्रा विजयदशमी से शुरु हुई थी. एक दिन में 15 से 20 किलोमीटर चलने का लक्ष्य रखा गया है. दिग्विजय की इस यात्रा में उनके समर्थक लगातार उनसे मिलने आ रहे हैं और वो भी यात्रा में कुछ दूर तक जुड़ जाते हैं. दिग्विजय सिंह नर्मदा के दोनों छोरों की परिक्रमा करने वाली इस यात्रा में 100 से जयादा विधानसभा सीटों से गुजरेंगे.
क्या इस यात्रा से कांग्रेस को लाभ होगा? इसका जबाव एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष ने दिया. उन्होंने कहा कि इस यात्रा से साबित होता है कि कांग्रेस भी हिन्दुओं की पार्टी है.
यात्रा के दौरान महिलाएं दिग्विजय सिंह की पत्नी अमृता राय से मिलती हैं और अपनी समस्याएं सुनाती हैं. अब देखना होगा कि छह महीने बाद जब दिग्विजय सिंह की ये यात्रा पूरी होगी तो ये उनके कद को कहां ले जाएगी?