मध्य प्रदेश की राजनीति का टाइगर पुराण, जानें-सिंधिया के बयान पर क्या बोले कमलनाथ और दिग्विजय?
ज्योतिरादित्य सिंधिया के टाइगर जिंदा है वाले बयान पर कमलनाथ ने कहा कि देखना होगा कागज का टाइगर है या सर्कस का टाइगर, कौन सा टाइगर अभी जिंदा है.
भोपाल: मध्य प्रदेश की राजनीति में इन दिनों टाइगर पुराण चल रहा है. जिसे देखो वही टाइगर राग अलाप रहा है. गुरुवार को मध्य प्रदेश में हुये मंत्रिमंडल विस्तार में राजभवन के गेट पर खड़े होकर बीजेपी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने विरोधियों पर निशाना साधते हुये कहा था कि वो ये ना भूलें टाइगर अभी जिंदा है.
इसी बात को वो फिर जब बीजेपी के दफ्तर गये तब दिग्विजय और कमलनाथ का नाम लेकर कहा कि वो ये ना भूलें कि टाइगर अभी जिंदा है. बात यहीं पर खत्म नहीं हुई. शुक्रवार को भी उन्होंने बीजेपी दफ्तर में हुई सभा में कहा कि उनको चील नोंचने को तैयार बैठी है, मगर वो ये ना भूलें कि टाइगर अभी जिंदा है.
दरअसल कबीर खान निर्देशित सलमान खान की फिल्म टाइगर अभी जिंदा है का जुमला पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिहं ने तब बोलना शुरू किया था जब सत्ता से हटने के बाद वो बीजेपी कार्यकर्ताओं की बैठकों में जाते थे और वर्तमान कमलनाथ सरकार पर प्रहार करते हुये कहते थे कि वो ये भूलें कि टाइगर अभी जिंदा है. इस बात को सुन कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ जाता था.
ये जुमला शिवराज को फल गया और शिवराज पंद्रह साल बाद भी मध्य प्रदेश की राजनीति के टाइगर बनकर उभरे और प्रदेश के मुख्यमंत्री चौथी बार बन गये. अब इस जुमले को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जिंदा कर दिया है. वो जगह जगह इस बोल रहे हैं, थोड़े अभिनेताओं वाले अंदाज में टाइगर अभी जिंदा है.
अब टाइगर पर कांग्रेस नेताओं के प्रहार होने लगे है. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिहं ने भी सुबह ट्वीट कर कहा था कि सिंधिया जी जंगल का कानून भूल रहे हैं जहां एक ही टाइगर रहता है देखना ये है कि कौन सा टाइगर जिंदा रहता है.
उधर टाइगर जिंदा है की बात पर रतलाम में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि देखना होगा कागज का टाइगर है या सर्कस का टाइगर कौन सा टाइगर अभी जिंदा है. कुल मिलाकर टाइगर पुराण मध्य प्रदेश में अभी लंबा चलेगा.
मगर जनता उलझन में है कि टाइगर टाइगर के दावे में असली टाइगर कौन हैं शिवराज या सिंधिया. सिंधिया आज भले ही गरजे बरसें मगर प्रदेश की राजनीति के असल टाइगर शिवराज हैं क्योंकि पिछले पंद्रह सालों में बहुत सारे दहाड़ने वाले टाइगर को उन्होंने मध्य प्रदेश के जंगल से बेदखल कर खदेड़ दिया है.
उमा भारती, कैलाश विजयवर्गीय, प्रभात झा, राकेश सिंह सरीखे नामों की लंबी सूची है जो टाइगर का शिकार बने. इसलिये सिंधिया को शिवराज से बनाकर चलनी होगी. वरना शिवराज का शिकार होते देर नहीं लगेगी.
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