(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
NCPCR ने सरस्वती शिशु मंदिर पर बयान को लेकर दिग्विजय सिंह से जवाब मांगा, जानें क्या है पूरा मामला
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) के अध्यक्ष ने एक शिकायत पर संज्ञान लिया और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह को नोटिस जारी किया. तीन दिनों के भीतर जवाब देने के लिए कहा है.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने सरस्वती शिशु मंदिर के संदर्भ में की गई कथित विवादित टिप्पणी के मामले में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से जवाब मांगा है. एनसीपीसीआर ने मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेश को भी पत्र लिखकर इस मामले की जांच करने और सात दिनों के भीतर रिपोर्ट देने के लिए कहा है.
आयोग की अध्यक्ष प्रियंका कानूनगो ने एक शिकायत का संज्ञान लेते हुए दिग्विजय सिंह को नोटिस भेजकर कहा कि वह इस मामले में तीन दिनों के भीतर जवाब दें. उन्होंने कहा, ‘‘आपके द्वारा की गई टिप्पणी प्रथम दृष्टया भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन प्रतीत होती है. इसके साथ ही यह किशोर न्याय कानून के सिद्धांतों के भी विपरीत प्रतीत होता है.’’
National Commission for Protection of Child Rights writes to Congress leader Digvijaya Singh, seeking response over his report comments concerning students of Saraswati Shishu Mandir; says his comments violate provisions of IPC & JJ Act, 2015; also writes to MP DGP for a probe pic.twitter.com/HctSwWh63Y
— ANI (@ANI) September 27, 2021
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को दावा किया कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिर (स्कूल) बचपन से ही बच्चों के दिल और दिमाग में दूसरे धर्मों के खिलाफ नफरत के बीज बोते हैं.
दिग्विजय सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘सरस्वती शिशु मंदिर बचपन से लोगों के दिल और दिमाग में दूसरे धर्मों के खिलाफ नफरत का बीज बोते हैं. वहीं, नफरत का बीज धीरे-धीरे आगे बढ़कर देश में सांप्रदायिक सदभाव को बिगाड़ता है, सांप्रदायिक कटुता पैदा करता है, धार्मिक उन्माद फैलाता है और देश में दंगे फसाद होते हैं.’’
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