राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने सरस्वती शिशु मंदिर के संदर्भ में की गई कथित विवादित टिप्पणी के मामले में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से जवाब मांगा है. एनसीपीसीआर ने मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेश को भी पत्र लिखकर इस मामले की जांच करने और सात दिनों के भीतर रिपोर्ट देने के लिए कहा है. 


आयोग की अध्यक्ष प्रियंका कानूनगो ने एक शिकायत का संज्ञान लेते हुए दिग्विजय सिंह को नोटिस भेजकर कहा कि वह इस मामले में तीन दिनों के भीतर जवाब दें. उन्होंने कहा, ‘‘आपके द्वारा की गई टिप्पणी प्रथम दृष्टया भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन प्रतीत होती है. इसके साथ ही यह किशोर न्याय कानून के सिद्धांतों के भी विपरीत प्रतीत होता है.’’






कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने रविवार को दावा किया कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) द्वारा संचालित सरस्वती शिशु मंदिर (स्कूल) बचपन से ही बच्चों के दिल और दिमाग में दूसरे धर्मों के खिलाफ नफरत के बीज बोते हैं.


दिग्विजय सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘सरस्वती शिशु मंदिर बचपन से लोगों के दिल और दिमाग में दूसरे धर्मों के खिलाफ नफरत का बीज बोते हैं. वहीं, नफरत का बीज धीरे-धीरे आगे बढ़कर देश में सांप्रदायिक सदभाव को बिगाड़ता है, सांप्रदायिक कटुता पैदा करता है, धार्मिक उन्माद फैलाता है और देश में दंगे फसाद होते हैं.’’


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