नई दिल्ली: मध्यप्रदेश कांग्रेस में इन दिनों सियासी घमासान मचा हुआ है. इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह मीडिया के सामने आए और अपनी सफाई दी. उन्होंने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया और कहा कि अनुशासनहीनता करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. आज प्रेस कॉनफ्रेंस में दिग्विजय सिंह ने वन मंत्री सिंगार से मतभेद को लेकर तो इनकार किया लेकिन साथ ही यह भी कहा कि अनुशासनहीनता पार्टी में बर्दाश्त नहीं की जायेगी.


गौरतलब है कि  मध्यप्रदेश सरकार में वन मंत्री उमंग सिं​घार ने हाल में ही दिग्विजय​ सिंह को ब्लैकमेलर बताया था. उन्होने दिग्विजय सिंह पर पर्दे के पीछे से सरकार चलाने का आरोप भी लगाया है, जिसके बाद से मध्यप्रदेश की सियासत में बवाल मचा हुआ है.






वन मंत्री उमंग सिंघार के बारे में उन्होंने कहा कि हर पार्टी में अनुशासन होना चाहिए चाहें कितना भी बड़ा नेता क्यों न हो कार्रवाई होनी चाहिए. दिग्विजय ने कहा कि उन्होंने सिंधिया और दीपक बावरिया से भी चर्चा की है. किसी के साथ उनका कोई विवाद नहीं है.


RSS और बीजेपी पर लगाए गए आरोप पर दी सफाई


बीजेपी और RSS द्वारा ISI से पैसा लेने वाले अपने बयान पर उन्होंने कहा,''मेरी राजनीतिक लड़ाई बीजेपी की विचारधारा से है. मैंने कभी इस मामले में समझौता नही किया. ये वो विचारधारा है जिसने देश की एकता को तोड़ने का काम किया है. उन्होंने कहा , '' यह पूरी कहानी तब शुरू हुई जब बीजेपी आईटी सेल के सदस्य ध्रुव सक्सेना और बजरंग दल के बलराम सिंह को 2017 में एसटीएफ ने ISI से पैसे लेते हुए पकड़ा था, लेकिन तत्कालीन मध्य प्रदेश सरकार ने न तो उन पर NSA का आरोप लगाया और न ही उनके खिलाफ कोई सख्त कार्रवाई की.'' उन्होंने कहा कि भविष्य की लड़ाई अब मैं  कमलनाथ और सोनिया जी पर छोड़ता हूं.


चिदंबरम को बताया बेगुनाह


वहीं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया केस में तिहाड़ जेल भेजे जाने को लेकर एमपी के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ''पी चिदंबरम बेगुनाह हैं. उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया और ना ही कर सकते हैं. मैं उनको लंबे समय से जानता हूं. मोदी सरकार बदला लेने वाली सरकार है और इसलिये झूठे मामलों में विरोधियों को फंसाया जा रहा है. ये सरकार चलाने का गुजरात टाइप पेटर्न है.''


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