नई दिल्ली: संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का प्रधानमंत्री से गले मिलने और वापस अपनी सीट पर आ कर साथी कांग्रेसी सांसद को आंख मारने का मुद्दा तीन दिनों के बाद भी चर्चा में है. इसको लेकर पोस्टर वॉर चल रहा है तो राहुल की आलोचना के कारण एक लालू यादव की पार्टी आरजेडी ने अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता को पार्टी ने निकाल दिया. लेकिन इन सब के बीच एक दिलचस्प जानकारी सामने आई है रविवार को हुई कांग्रेस सीडबल्यूसी की बैठक में इस मुद्दे को उठाकर एक कांगेस नेता ने 'आंख मारने' पर राहुल की आलोचना कर डाली. ओडिशा कांग्रेस अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने राहुल गांधी ने सामने ही कह दिया कि 'आंख मारने' से आपके नम्बर कट गए.


सूत्रों ने बताया किओडिशा कांग्रेस के अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने सीडब्ल्यूसी की बैठक में चर्चा के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के आँख मरने का जिक्र किया. सूत्रों के मुताबिक पटनायक ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव के दौरान भाषण और फिर प्रधानमंत्री मोदी को गले लगाने पर राहुल को सौ प्रतिशत नम्बर मिले लेकिन आँख मारते ही उनके दो नम्बर कट गए.


अहम बात ये है कि निरंजन ने ये बातें राहुल गांधी के सामने कही. बैठक में सोनिया गांधी समेत 200 से ज्यादा कांग्रेस नेता मौजूद थे. सामने हुई आलोचना के बावजूद राहुल गांधी ने निरंजन पटनायक के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. हालांकि सूत्रों ने बताया कि इस दौरान राहुल मुस्कुराते रहे.


इस बात की पुष्टि के लिए जब पटनायक से एबीपी न्यूज ने संपर्क किया, तो उन्होंने फोन पर कहा कि "मैंने तो प्रशंसा की थी, राहुल गांधी ने देश की आवाज बन कर शानदार भाषण दिया. उन्होंने मोदी सरकार के चार सालों की नाकामयाबियों की देश के सामने रखा. लेकिन आंख मारने वाले सवाल पर पटनायक ने कुछ भी स्पष्ट नहीं किया. पटनायक ने कहा कि "मैंने भाषण को 98 नम्बर दिए". क्या 2 नम्बर आंख मरने की वजह से काट लिए? इस पर पटनायक ने कहा कि "किसी भी विद्यार्थी को सौ में सौ अंक नहीं मिलते". इसके आगे उन्होंने कोई बात नहीं की.


बड़ी बात ये है कि कांग्रेस की सहयोगी पार्टी आरजेडी ने अपने एक राष्ट्रीय प्रवक्ता शंकर चरण त्रिपाठी को पार्टी से इसलिए निष्कासित कर दिया क्योंकि उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी से गले मिलने को लेकर राहुल गांधी की आलोचना की थी. सूत्रों के मुताबिक त्रिपाठी को लालू यादव का बेहद करीबी माना जाता था.


दूसरी तरफ राहुल के गले मिलने की तस्वीर को लेकर पोस्टर वॉर भी चल रहा है. मुम्बई में कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने झप्पी की तस्वीर के साथ पोस्टर पर लिखा "नफरत से नहीं प्यार से जीतेंगे". इस पोस्टर पर 'नफरत' भगवा रंग में लिखा था और प्यार 'हरे' रंग में. इसको लेकर बीजेपी समर्थकों ने आलोचना की और कहा कि कांग्रेस ने हमेशा 'भगवा' रंग का तिरस्कार किया है. वहीं आलोचना इस बात को भी लेकर हुई कि कांग्रेस को अपने पोस्टर पर प्रधानमंत्री मोदी की तस्वीर लगानी पड़ रही है. निरूपम ने कहा कि खाली दिमाग के लोग बेवजह विवाद कर रहे हैं जबकि उन्होंने पोस्टर में संदेश तिरंगे के पैटर्न में लिखवाया था.


उधर दिल्ली में अकाली नेता और बीजेपी विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा ने राहुल की झप्पी वाले पोस्टर लगवाए. सिरसा में पोस्टर में झप्पी को पब्लिसिटी स्टंट करार दिया. सिरसा ने पोस्टर में मांग की कि अगर राहुल सच में नफरत मिटाना चाहते हैं तो 84 के दंगा पीड़ित सिख परिवारों से गले मिलें.