रिमोट कंट्रोल मॉडल, सीनियर्स का अपमान... गुलाम नबी आजाद के आखिरी खत में राहुल गांधी असली विलेन
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी. उन्होंने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है.
Ghulam Nabi Azad Quit Congress: पहले से संकटग्रस्त कांग्रेस पार्टी को शुक्रवार एक बड़ा झटका मिला है. वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) ने आज अपनी प्राथमिक सदस्यता सहित सभी पार्टी पदों से इस्तीफा दे दिया है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को लिखे पांच पन्नों के पत्र में उन्होंने कहा कि उन्होंने भारी मन से ऐसा किया है.
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे गए गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के पत्र में उन्होंने लिखा, "बड़े अफसोस और बेहद भावुक दिल के साथ मैंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अपना आधा सदी पुराना नाता तोड़ने का फैसला किया है. कांग्रेस ने पार्टी चलान वाली मंडली के संरक्षण में इच्छा शक्ति और क्षमता पूरा तरह खो दी है. ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू करने से पहले 'नेतृत्व को कांग्रेस जोड़ो' यात्रा करनी चाहिए थी."
गुलाम नबी ने कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए लिखा है कि राहुल गांधी के उपाध्यक्ष बनने के बाद सलाह मशविरे की प्रकिया खत्म हो गई है. वरिष्ठ नेताओं को किनारे लगा दिया गया है और अब पार्टी में अनुभवहीन चाटुकारों ने कमान संभाल रखी है.
राहुल गांधी के पीए और सुरक्षाकर्मी अब ले रहे फैसले- आजाद
गुलाम नबी ने पत्र में आगे लिखा, "अध्यादेश फाड़ना राहुल गांधी की बड़ी अपरिपक्वता थी. राहुल गांधी का यह कदम बचकाना था. 2019 में इस्तीफे के बाद राहुल ने वरिष्ठ नेताओं का अपमान किया. यूपीए सरकार का रिमोट कंट्रोल मॉडल कांग्रेस में लागू हो चुका है. अब राहुल गांधी के पीए और सुरक्षाकर्मी फैसला ले रहे हैं."
गौरतलब है कि इससे पहले गुलाम बनी आजाद ने जम्मू कश्मीर में प्रचार कमेटी के चेयरमैन बनाए जाने के सिर्फ दो घंटे बाद ही पद छोड़ दिया था. कहा जा रहा है कि आजाद कमेटियों के गठन से नाराज हैं. आजाद की शिकायत है कि कमेटियों का गठन करते समय उन्हें विश्वास में नहीं लिया गया.
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