Jammu Kashmir Congress: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने जम्मू कश्मीर कांग्रेस (Congress) के कैंपेन कमिटी चीफ का पद ठुकरा दिया है. कांग्रेस ने मंगलवार को ही गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) को कश्मीर में कैंपेन कमिटी समेत कई समितियों का प्रमुख बनाने का एलान किया था. सूत्रों का कहना है कि गुलाम नबी इस बात से नाराज हैं कि उनकी सिफारिशों को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया इसलिए उन्होंने कैंपेन और राजनीतिक समिति दोनों से इस्तीफा दे दिया.
गुलाम नबी आजाद के नजदीकी सूत्रों ने यह भी बताया कि उन्होंने पार्टी नेतृत्व से पहले ही अपनी मंशा साफ कर दी थी कि उन्हें कोई पद नहीं चाहिए. इसके बाद भी उनके नाम का एलान किया गया. मंगलवार को ही नियुक्त किए गए जम्मू कश्मीर कांग्रेस के नए अध्यक्ष विकार रसूल वानी (Vikar Rasool Wani) को गुलाम नबी आजाद का बेहद खास माना जाता है.
कांग्रेस ने राज्य इकाई का किया पुनर्गठन
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट के बीच कांग्रेस ने बिगुल फूंकते हुए राज्य इकाई का पुनर्गठन किया है. कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद को जम्मू कश्मीर की प्रचार समिति का प्रमुख बनाया था. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का ये फैसला इस लिहाज से खास माना जा रहा था पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल और वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा और अन्य नेताओं के साथ गुलाम नबी आजाद ने ही एक तरह से पार्टी नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था.
बात इतनी बढ़ गई थी कि कांग्रेस नेतृत्व ने गुलाम नबी आजाद को राज्यसभा की टिकट भी नहीं दी थी. पार्टी ने अब गुलाम नबी आजाद को अभियान समिति का अध्यक्ष बनाने के साथ-साथ राजनीतिक मामलों की समिति और समन्वय समिति का प्रमुख भी बनाया था. हालांकि अब गुलाम नबी आजाद के द्वारा ये पद ठुकराने के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म होना तो लाजिमी है.
कांग्रेस के द्वारा की गई अन्य नियुक्तियां
बहरहाल, जम्मू कश्मीर कांग्रेस की नई नियुक्तियों की बात करें तो हिंदू चेहरे के तौर पर रमन भल्ला को कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है. नई कमिटी में जम्मू इलाके का पलड़ा भारी नजर आता है. आजाद, वानी और भल्ला तीनों जम्मू क्षेत्र से आते हैं. कश्मीर क्षेत्र से वरिष्ठ नेता तारिक हामिद कर्रा को राजनीतिक मामलों की कमिटी की कमान सौंपी गई. जबकि पूर्व केन्द्रीय मंत्री सैफुद्दीन सोज को घोषणापत्र कमिटी का प्रमुख बनाया गया है.
प्रदेश में जल्द चुनाव की उम्मीद
2014 में हुए बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 12 विधायक जीते थे. इससे पहले 2008 से 2014 के बीच नेशनल कांफ्रेंस के नेतृत्व में कांग्रेस गठबंधन सरकार में शामिल थी. अब तक यह साफ नहीं है कि आगामी चुनाव में कांग्रेस (Congress) किसी गठबंधन में शामिल होगी या नहीं. बता दें कि, 2019 में मोदी सरकार ने अनुच्छेद-370 (Article 370) के खात्मे के साथ जम्मू कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया. हालांकि जम्मू कश्मीर में विधानसभा को बरकरार रखा गया था. हाल में ही जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) में विधानसभा क्षेत्र का परिसीमन पूरा हुआ है. उम्मीद की जा रही है प्रदेश में जल्द चुनाव हो सकते हैं.
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