कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने 'द कश्मीर फाइल्स' का संदर्भ देते हुए रविवार को कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से जम्मू-कश्मीर का हर नागरिक करीब 3 दशक से परेशान है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद को एक धर्म विशेष से जोड़ना बिल्कुल गलत है.


आतंकवाद घाटी में विनाश लेकर आया


पद्म भूषण पुरस्कार मिलने पर जम्मू नागरिक समाज द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह में गुलाम नबी आजाद ने कहा, "पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद मौत और विनाश लेकर आया है और यही सभी बुरी चीजों के लिए जिम्मेदार है." उन्होंने कहा, "आतंकी हमलों में कई लोगों की जान चली गई, हजारों महिलाएं विधवा हो गईं और लाखों बच्चे अनाथ हो गए. उन्होंने मुस्लिम, हिंदू, पंडित सभी को निशाना बनाया. आतंकियों ने धार्मिक स्थलों को भी नहीं बख्शा."


देश की एकता के लिए कठुआ का दिया उदाहरण


आजाद ने कहा कि समाज में 90 प्रतिशत बुराइयां उन नेताओं के कारण हैं जो अपने वोट बैंक के लिए लोगों को बांटते हैं. जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी ने कहा कि "जम्मू एकमात्र ऐसी जगह है जहां जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के सभी 22 जिलों के लोग निवास कर रहे हैं, जबकि कश्मीर को ऐसा कुछ नहीं है. जम्मू ने उग्रवाद के बावजूद अपनी धर्मनिरपेक्ष साख को बनाए रखा है. उन्होंने लोगों को राजनेताओं की विभाजनकारी बयानबाजी के खिलाफ भी आगाह किया. उन्होंने कठुआ बलात्कार की घटना को देश की एकता का उदाहरण बताते हुए कहा कि सभी ने लड़की के लिए न्याय की मांग की, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो.


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