Congress On Economic Survey: कांग्रेस ने मंगलवार (31 जनवरी) को पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या 2023-24 के लिए 'वास्तविक' जीडीपी वृद्धि 5.44% होगी. कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ (Gourav Vallabh) ने ट्वीट किया कि 2022 के आर्थिक सर्वेक्षण ने हमारी अर्थव्यवस्था को वर्ष 22-23 के लिए 8-8.5 पर बढ़ने की भविष्यवाणी की थी. जोकि लगभग 7% है.
उन्होंने कहा कि, "अब 2023 का आर्थिक सर्वेक्षण वर्ष 23-24 के लिए 6-6.8% पर सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि की भविष्यवाणी कर रहा है. वास्तविक क्या है? 5.44% अगर हम समान छूट लागू करते हैं." उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण रखने के तुरंत बाद सवाल उठाया.
वित्त मंत्री ने संसद में रखा आर्थिक सर्वे
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वे में कहा गया कि भारतीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर अगले वित्त वर्ष में घटकर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. हालांकि, भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा. भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष (अप्रैल 2022 से मार्च 2023) में सात प्रतिशत रहने का अनुमान है. पिछले साल यह 8.7 प्रतिशत थी.
सर्वे में और क्या कहा गया?
सर्वे में कहा गया कि भारत पीपीपी (क्रय शक्ति समानता) के मामले में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी और विनिमय दर के मामले में पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. सर्वेक्षण में इस फैक्ट को रेखांकित किया कि दुनिया भर की एजेंसियों ने कहा है कि कोविड -19 की लहर, रूस-यूक्रेन युद्ध के बावजूद भारत में सबसे तेजी से अर्थव्यवस्था ग्रो कर रही है.
इसमें कहा गया कि महामारी के दौरान और यूरोप में संघर्ष के बाद से अर्थव्यवस्था ने जो गंवाया था, उसे लगभग फिर से प्राप्त कर लिया गया है, जो थम गया था उसमें नई जान आ गयी है और जो मंद पड़ गया था, उसमें नई ऊर्जा आई है. स्थिर मूल्य पर जीडीपी (GDP) अगले वित्त वर्ष में छह प्रतिशत से 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है. यह वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक घटनाक्रमों पर निर्भर करता है.
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