सूरत: कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने चेतावनी दी कि अगर गुजरात की सरकार ने सूरत के महापौर और अन्य अधिकारियों पर अग्निकांड मामले में कार्रवाई नहीं की तो वह भूख हड़ताल पर बैठेंगे. इसके बाद पुलिस ने सोमवार को उन्हें हिरासत में ले लिया. सूरत अग्निकांड में 22 विद्यार्थियों की मौत हो गई थी. सूरत के पुलिस आयुक्त सतीश शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने अग्निकांड स्थल के पास प्रदर्शन करने की सरथाना पुलिस से अनुमति मांगी थी लेकिन उसे अनुमति नहीं मिली. इसके बावजूद पटेल उस स्थान की तरफ जा रहे थे.


अधिकारी ने कहा कि उन्होंने सरथाना इलाके में अग्निकांड वाली जगह के पास प्रदर्शन करने की चेतावनी दी थी, इसलिए उन्हें हिरासत में ले लिया गया. शर्मा ने कहा, ''उन्होंने प्रदर्शन करने की अनुमति मांगी थी. हम अनुमति नहीं दे सकते, क्योंकि कल उन्होंने उस स्थान का दौरा किया जहां उन पर विरोधी समूह के एक सदस्य ने हमला किया था. यह उनकी सुरक्षा का सवाल है. साथ ही हम हर दिन उन्हें इलाके का दौरा करने की अनुमति नहीं दे सकते.''


बहरहाल, पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के सदस्य धार्मिक मालवीय ने कहा कि पटेल को कामरेज राजमार्ग से उस समय हिरासत में लिया गया जब वह आरक्षण आंदोलन के नेता अल्पेश कथीरिया के घर जा रहे थे. कथीरिया वर्तमान में देशद्रोह के मामले में जेल में बंद हैं. उन्होंने कहा कि पटेल को इच्छापुर थाने ले जाया गया. सरथाना इलाके में शुक्रवार को चार मंजिला तक्षशिला आर्केड में आग लग जाने के कारण 18 छात्राओं सहित 22 छात्रों की मौत हो गई थी.


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