‘जब पैसा गवर्नमेंट को नहीं, बल्कि हाजियों को देना है तो…’, राज्यसभा में मोदी सरकार पर क्यों गरजे कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी
Imran Pratapgarhi: मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा कि वह सोचते हैं कि कभी पीएम मोदी देश की बेटी बिल्कीस बानों को अपनेपन का एहसास दिला पाते.

Imran Pratapgarhi Slams Modi Government: राज्यसभा में कांग्रेस के नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने मोदी सरकार पर ऐसा हमला बोला कि सदन में शोर मचाना शुरू हो गया. कांग्रेस नेता ने सदन में साल 2009 के दौरान सोनिया गांधी और पूर्व मुख्यमंत्री मनमोहन सिंह की ओर से शुरू की गई जिडेंशियल कोचिंग एकेडमी की जमकर तारीफ की तो वहीं मोदी सरकार पर निशाना भी साधा.
कांग्रेस नेता ने कहा, “देश भर की कई यूनिवर्सिटी में दूर दराज गांव से आने वाले बच्चों ने महंगी यूपीएससी कोचिंग के बजाय भारत की रेजिडेंशियल कोचिंग एकेडमी में एडमिशन लेना शुरू किया और उनके प्रतियोगी परीक्षाओं में जाने के सपने पूरे होने लगे थे. इसी से प्रभावित होकर मुंबई के हज हाउस में 2009 में एक कोचिंग सेंटर शुरू किया गया, जिसके लिए सरकार से कोई फंड नहीं लिया गया, बल्कि हाजियों के रजिस्ट्रेशन फीस और सर्विस चार्जेस से बनने वाले हज कमेटी के कॉर्पस के एक हिस्से से इसे शुरू किया गया.”
‘2023 में बंद हो गया था कोचिंग सेंटर’
इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा, “तकरीबन 10 साल शानदार तरीके से चलने वाले इस कोचिंग सेंटर के रिजल्ट भी बढ़िया रहे. कई आईएस दिए आईपीएस दिए. महाराष्ट्र की स्टेट सर्विसेस में बच्चे सिलेक्ट होने लगे. इसके बाद कोविड आ गया. पहले सीटें घटाई गई और फिर तत्कालीन अल्पसंख्यक मंत्री को मौका मिला और उन्होंने 2023 में इस कोचिंग सेंटर को बंद कर दिया. वह सैकड़ों छात्र, जो हर साल इस कोचिंग सेंटर से फायदा उठा रहे थे. एक झटके में उनके सपने चकनाचूर कर दिए गए.”
‘कभी PM देश की बेटी बिल्कीस को अपनेपन का अहसास दिला पाते’
इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा, “मैं जब देश के प्रधानमंत्री को प्रोटोकॉल तोड़ के कतर के अमीर शेख तमीम को रिसीव करते हुए देखता हूं, जब मैं सऊदी के क्राउन प्रिंस मोहम्मद सलमान को प्रधानमंत्री को गले लगाते हुए देखता हूं तो सोचता हूं कि काश प्रधानमंत्री अपने देश के गरीब भारतीय मोहम्मद सलमान और मोहम्मद तमीम को इसी तरह अपनेपन का अहसास दिला पाते. कभी मैं जब प्रधानमंत्री को शेख हसीना को प्रोटोकॉल तोड़ के रिसीव करते देखता हूं तो मैं सोचता हूं कि कभी प्रधानमंत्री अपने देश की बेटी बिल्कीस को भी इसी तरह से अपनेपन का एहसास दिला पाते. कभी कैब भोपाली ने कहा था यह दाढ़िया, यह तिलक धारियां नहीं चलती. हमारे अहद में मक्कारियां नहीं चलती, दिलों को हम कबीले वालों के दिल जोड़िए मेरे सरदार, सरों को काट के सरदारियां नहीं चलती.”
क्या परेशानी है सरकार की?
कांग्रेस नेता ने कहा, “मेरा अल्पसंख्यक मंत्रालय से अनुरोध है कि हाजियों के पैसे से चलने वाले हज हाउस, कोचिंग सेंटर को फिर से शुरू किया जाए. न सिर्फ शुरू किया जाए, बल्कि उसकी सीटें भी बढ़ाई जाए, जब पैसा सरकार को नहीं देना है, बल्कि हाजियों का कॉर्पस सैकड़ों करोड़ रुपए के रूप में इकट्ठा है, उससे कोचिंग सेंटर चलाना है तो फिर इस कोचिंग सेंटर को चलाने में और देश के बाकी हज हाउसेस में इसे शुरू करने से सरकार को परेशानी क्या है.”
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