'हर साल 2 करोड़ नौकरियों का वादा हुआ फेल तो लाए रोजगार मेले का नया जुमला' : जयराम नरेश
Congress Slams Rozgar Mela: प्रधानमंत्री रोजगार मेला पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि रोजगार मेला एक जुमला है. हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने में सरकार फेल रही है.
Jairam Ramesh On Rozgar Mela: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (28 अगस्त) को नए भर्ती किए गए 51 हजार से ज्यादा उम्मीदवारों नियुक्ति पत्र बांटे. इसको लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करते हुए कहा है कि हर साल 2 करोड़ नौकरियां देने का वादा फेल हो गया तो रोजगार मेले का नया जुमला लेकर आ गए हैं. साथ ही इसे एक नौटंकी करार दिया.
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “हर साल 2 करोड़ नौकरियां पैदा करने के अपने ग्रांड प्रॉमिस को पूरा करने में विफल होने के बाद, नोट बंदी से एमएसएमई सेक्टर को तबाह करने, खराब तरीके से डिजायन किया गया जीएसटी और लॉकडाउन के लिए कोई योजना न बनाकर अचानक लागू करने के बाद. 9 सालों से ज्यादा समय तक आकांक्षी युवाओं की आशाओं को धोखा देने के बाद प्रधानमंत्री को चुनावी साल में गर्मी महसूस हो रही है.”
‘गिरती छवि को बचाने के लिए नया जुमला लेकर आए’
उन्होंने आगे कहा, “अपनी गिरती इमेज को बचाने के लिए वो सबसे बड़े जुमले में से एक- पीएम रोजगार मेला लेकर आए हैं.” उन्होंने कुछ पॉइंट्स रखते हुए लिखा, “रोज़गार मेलों में जो नौकरियां मिल रही हैं, वो पहले से ही स्वीकृत पदों पर मिल रही हैं, जिन्हें प्रशासनिक या वित्तीय कारणों से वर्षों से नहीं भरा गया था. बहुत बड़ी संख्या में प्रमोशन के मामलों में भी पीएम नियुक्ति पत्र बांटे जा रहे हैं. इन मेलों के माध्यम से जो हो रहा है, वो शासन का व्यक्तिगत इस्तेमाल है. ऐसा दिखाया जा रहा है जैसे ये रूटीन नौकरियां प्रधानमंत्री की वजह से मिल रही हैं. जबकि वास्तव में ऐसा नहीं है.”
After failing to fulfill his grand promise of creating 2 crore jobs per year.
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 28, 2023
After destroying the MSME sector with demonetisation, a badly designed GST and an ill-planned sudden lockdown.
After betraying the hope of aspirational youth for more than 9 years, the Prime…
जयराम रमेश ने कहा, “रोजगार सृजन आर्थिक विकास से होता है, जिसके लिए भरपूर निवेश की आवश्यकता होती है. प्रधानमंत्री रोजगार मेला एक नौटंकी है और विशाल अहंकार, भारी घमंड, असीमित आत्म-मुग्धता और गंभीर बेरोजगारी की स्थिति के लिए जिम्मेदारी स्वीकार करने से इनकार करने का एक और प्रमाण है.”
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