नई दिल्ली: चुनावी मौसम में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद मामले को लेकर सियासत जारी है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राम मंदिर के बहाने कांग्रेस को आड़े हाथों लिया. राजस्थान विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए अलवर पहुंचे पीएम मोदी ने एक जनसभा में कहा कि जब यह मामला (अयोध्या) चल रहा था, तब कांग्रेस के नेता और राज्यसभा के एक सदस्य ने कहा था कि 2019 तक केस मत चलाओ, क्योंकि 2019 में चुनाव है.
मोदी का इशारा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वकील कपिल सिब्बल की तरफ था. पीएम मोदी के आरोपों के बाद सिब्बल ने सफाई दी है. पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, ''प्रधानमंत्री ने कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है. कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार नहीं है. मैं एक पार्टी (केस में पक्षकार) की तरफ से कोर्ट में पेश हुआ था. इस केस न कांग्रेस और न ही बीजेपी पक्षकार है. मोदी को इसकी जानकारी नहीं है.''
उन्होंने कहा, ''मैं अयोध्या मामले पर जनवरी 2018 से लेकर आज तक कोर्ट में पेश नहीं हुआ. जब यह मामला अक्टूबर में कोर्ट में आया तो चीफ जस्टिस ने कहा कि यह मेरी प्राथमिकताओं में नहीं है. तो, पीएम न्यायपालिका के खिलाफ बयान देने की हिम्मत कर रहे हैं. साफ है कि प्रधानमंत्री केवल चुनावी फायदे के लिए बयानबाजी कर रहे हैं.''
ध्यान रहे कि कांग्रेस नेता सिब्बल सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए थे और उन्होंने 2019 चुनाव तक मंदिर मुद्दे पर सुनवाई टालने की अपील की थी.
पीएम मोदी ने क्या कुछ कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राजस्थान के अलवर में एक चुनावी रैली में कहा कि कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट के बड़े वकीलों को राज्यसभा का सदस्य बनाती है और वे सदस्य उन न्यायाधीशों को महाभियोग के नाम से डराने का नया खेल खेल रहे हैं जो न्यायाधीश उनके राजनैतिक इरादों के अनुसार कार्य नहीं करते.
सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जब यह मामला चल रहा था, तब कांग्रेस के नेता और राज्यसभा के एक सदस्य ने कहा था कि 2019 तक केस मत चलाओ, क्योंकि 2019 में चुनाव है. देश के न्यायतंत्र को इस तरह राजनीति में घसीटना ठीक है क्या?
प्रधानमंत्री ने कहा, ''जब उच्चतम न्यायालय का कोई न्यायाधीश अयोध्या जैसे गंभीर संवेदनशील मसलों सबका पक्ष सुनना चाह रहे थे तो कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और वकील न्यायालय के न्यायाधीशों के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाकर उन्हें डरा धमका रहे थे.''
मोदी ने कहा कि कांग्रेस के इस नये खेल के संबंध में वह देश के बुद्धिजीवियों से, राष्ट्र के उज्जवल भविष्य के लिये गंभीरतापूर्वक इसे कसौटी पर कसने का अनुरोध करते हैं. प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का न्यायपालिका में भरोसा नहीं है, लेकिन ‘‘हम यह काला कारनामा लोकतंत्र के मंदिर में नहीं होने देंगे.’’
मोदी ने कांग्रेस पर जातिगत राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस वालों ने हिन्दुस्तान को तोड़ा है. उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस पार्टी दिन प्रतिदिन इतनी नीचे गिरती जा रही है कि उन्होंने राजनीति के संस्कार ही छोड़ दिये, शिष्टाचार भूल गये और चुनाव में विकास के मुद्दों पर बहस करने के लिये वे अपनी हिम्मत भी खो चुके हैं.