नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल का मानना है कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियां 2019 में बीजेपी को हराने के लिए राज्यों में 'रणनीतिक राजनीतिक गठबंधन' करेंगे. उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले पूरे भारत में एक साथ गठबंधन (पैन-इंडिया अलायंस) में थोड़ी मुश्किलें आ सकती हैं. सिब्बल ने यह भी कहा कि विपक्ष का प्रधानमंत्री उम्मीदवार कौन होगा, यह कोई समस्या नहीं है. सभी विपक्षी पार्टियां आपस में विमर्श कर इस मुद्दे को सही समय पर सुलझा लेगी.


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस के साथ इंटरव्यू में कहा, "देश के लोग हमसे जुड़ रहे हैं, क्योंकि साढ़े चार साल में लोगों ने महसूस किया है कि ये जुमलाओं की सुनामी भारत को कहीं का नहीं छोड़ेगी. जो सपने दिखाए गए थे, जो वादे किए गए थे, वे पूरे नहीं हुए."


सिब्बल ने कहा, "संचार क्रांति कई तरह से लाभदायक है. लेकिन प्रधानमंत्री के संदर्भ में, संचार क्रांति ने सुनिश्चित किया है कि उन्होंने जो भी पहले कहा है उन्हें दोहराया जा सकता है. यह वह समय नहीं है जब संचार क्रांति नहीं हुई थी. यह इलेक्ट्रॉनिक मोड है, जो भी भाषण उन्होंने दिए हैं, जो कुछ भी कहा है, वह उन्हें परेशान करने वाला हैं. लोगों की याददाश्त उन वादों को दोहराने से ताजा हो जाती है."


उनकी किताब 'शेड्स ऑफ ट्रथ-ए जर्नी डिरेल्ड' शुक्रवार को रुपा पब्लिकेशन ने प्रकाशित की. किताब में मोदी के नेतृत्व में चार वर्ष के एनडीए के शासन का विश्लेषण है. साथ ही में संप्रग सरकार के कार्यकाल में हुए '2जी' और 'कोयला घोटाले' समेत अन्य चीजों के बारे में वर्णन है, जिससे संप्रग सरकार को सत्ता गंवानी पड़ी.


एक सवाल का जवाब देते हुए पूर्व एचआरडी मंत्री ने कहा कि बीजेपी चुनाव से पहले ध्रुवीकरण करने का कोई भी प्रयास सफल नहीं होगा. उन्होंने कहा, "इससे फर्क नहीं पड़ेगा. मुझे लगता है कि भारत के लोग, उनकी आंखें इस नेतृत्व की सच्चाई को लेकर खुली हुई है."


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यह पूछे जाने पर कि क्या संपूर्ण भारत में गठबंधन या राज्यवार गठबंधन हो सकते हैं, पर सिब्बल ने कहा, "मैंने किताब में कहा है कि पूरे भारत में गठबंधन होना मुश्किल है." यह पूछे जाने पर कि क्या वह बीजेपी के खिलाफ विपक्षी गठबंधन को लेकर आश्वस्त हैं, इसपर उन्होंने कहा, "100 प्रतिशत."


जब उनसे यह पूछा गया कि क्या यह महागठबंधन के रूप में सामने आएगा, उन्होंने कहा, "निश्चित ही रणनीतिक गठबंधन होगा, क्योंकि इसमें हमारे समान हित हैं. " विपक्षी गठबंधन के प्रधानमंत्री उम्मीदवार को लेकर उभरने वाली कठिनाइयों पर उन्होंने कहा, "वे (प्रधानमंत्री उम्मीदवार) उभर कर सामने आएंगे." उन्होंने कहा कि परिस्थिति उम्मीदवार को सामने ला खड़ा करेगी. हमेशा, यह हमेशा हुआ है. यह 2004 में भी हुआ था.


यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री उम्मीवार कांग्रेस से होगा, पर उन्होंने कहा, "मैं नहीं जानता. हम देखेंगे कि उस समय हमारे सामने कैसी परिस्थिति आती है. यह कुछ ऐसा है जिसके बारे में लोग निर्णय करेंगे."