(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Operation Lotus: चुनावी नतीजों के बाद कहां से शुरू होगा बीजेपी का 'ऑपरेशन लोटस'? कांग्रेस नेता कार्ति चिदंबरम ने किया खुलासा
Operation Lotus: कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम का दावा है कि पहला ऑपरेशन लोटस युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी पर होगा. हालांकि, इससे पहले भी 2019 में टीडीपी के 4 सांसद बीजेपी में शामिल हो गए थे.
Operation Lotus: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद बीजेपी का ऑपरेशन लोटस एक बार फिर चर्चा में आ गया है. तमिलनाडु की शिवगंगा लोकसभा सीट से कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने दावा किया है कि बीजेपी का पहला ऑपरेशन लोटस युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (YSRCP) पर होगा. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने अपने सभी गठबंधन और सहयोगी दलों पर ऑपरेशन लोटस चलाया है. अगर राजनीतिक पंडित सही हैं तो वाईएसआरसीपी के दो तिहाई लोकसभा सांसद (4) और राज्यसभा सांसद (11) का बीजेपी में विलय होना समय की बात है.
इधर, इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि आंध्रप्रदेश में बीजेपी अपने ऑपरेशन लोटस को कब और कैसे शुरू करेगी. दरअसल, कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम का कहना है कि बीजेपी का ऑपरेशन लोटस YSRCP पर होगा. इससे पहले भी साल 2019 में तेलगू देशम पार्टी के छह में से चार राज्यसभा सांसद बीजेपी में शामिल हो गए थे.
First operation Lotus will be on @YSRCParty
— Karti P Chidambaram (@KartiPC) June 8, 2024
आंध्र विधानसभा चुनाव में TDP ने 135 सीटों पर जीत दर्ज की
तेलुगू देशम पार्टी ने 135 सीटें जीतकर आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव जीता है. जबकि जन सेना पार्टी को 21 सीटें, मौजूदा वाईएसआर कांग्रेस पार्टी को 11 सीटें और बीजेपी को 8 सीटें मिली हैं. जहां आंध्र प्रदेश में 25 लोकसभा सीटें हैं, जिसमें से तेलगू देशम पार्टी ने 16 सीटों पर जीत दर्ज की है. जबकि, जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी को महज 4 सीटें मिलीं. जनसेना पार्टी को 2 सीटें मिली हैं. इसके अलावा बीजेपी ने यहां पर 4 सीटों पर जीत दर्ज की है. जबकि, कांग्रेस अपना खाता तक नहीं खोल पाई.
BJP ने चलाया था 'ऑपरेशन लोटस' गंवा दी हिमाचल की चारों सीटें
हिमाचल में कुछ महीने पहले 'ऑपरेशन लोटस' चलाए जाने का दावा किया गया था. जहां बीजेपी ने हिमाचल प्रदेश की सुजानपुर, गगरेट, कुटलैहाड़ और लाहौल स्पीति विधानसभा सीट पर 'ऑपरेशन लोटस' चलाया था. इससे प्रभावित होकर चारों सीटों के सभी कांग्रेस विधायकों ने अपनी ही पार्टी बगावत कर दी थी. बगावत के बाद स्पीकर की ओर से चारों विधायकों को अयोग्य ठहरा दिया गया. फिर इन चारों सीटों पर उपचुनाव हुए.
जब 4 जून को देश की 542 लोकसभा सीटों के साथ-साथ हिमाचल की 4 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे भी सामने आए, जहां बगावत करने वाले चारों विधायकों को हार का सामना करना पड़ा. जबकि, चारों सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशियों को जीत हासिल हुई है.
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