नई दिल्ली: हरियाणा के कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही है. आयकर विभाग उनसे और उनके भाई से संबंधित बेनामी संपत्ति को एक के बाद एक छापा मार कर जब्त कर रही है. अब इसी के बीच कुलदीप बिश्नोई के पीए सुकुमार पोरिया की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है. पुलिस सुकुमार पोरिया के मौत का सटीक कारण जानने की कोशिश में लग गई है.


निजी सहायक ने एम्स में तोड़ा दम


कुलदीप बिश्नोई के निजी सहायक की मंगलवार को एम्स में मौत हो गई. पुलिस ने इस बारे में जानकारी दी. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार पुलिस को सुकुमार पोरिया को अस्पताल में भर्ती कराए जाने के संबंध में सोमवार को एम्स की ओर से जानकारी मिली थी. मंगलवार को उनकी मौत हो गई. पुलिस मौत का सटीक कारण जानने के लिए पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. कुलदीप पर बेनामी संपत्ति को लेकर जांच चल रही थी ऐसे में सुकुमार की संदिग्ध मौत को इस पूरे मामले से जोड़कर देखा जा रहा है. सवाल उठ रहा है कि क्या सुकुमार के पास कुलदीप से जुड़ा कोई राज था?


मंगलवार को कुलदीप पर हुई थी बड़ी कार्रवाई


गौरतलब है कि मंगलवार को ही आयकर विभाग ने कुलदीप बिश्नोई के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए गुरुग्राम स्थित 150 करोड़ रुपये के होटल को बेनामी संपत्ति के तहत जब्त किया था. आयकर विभाग ने यह कार्रवाई बेनामी संपत्ति लेनदेन अधिनियम, 1988 की धारा 24 (3) के तहत की थी. जांच में पता चला था कि यह बेनामी संपत्ति हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के बेटे और कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई और चंदर मोहन की है.


क्या है पूरा मामला


आयकर विभाग ने कर-चोरी के आरोप में जांच के सिलसिले में 23 जुलाई को हरियाणा, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश में बिश्नोई से जुड़े 13 ठिकानों पर छापे डाले थे. आयकर सूत्रों के बताया कि जांच में सामने आया है कि जब्त की गयी कंपनी में 34 फीसदी शेयर एक 'दिखावे की' कंपनी के नाम है जो टैक्स चोरों की पनाहगाह माने जाने वाले विदेशी क्षेत्र 'ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड' में पंजीकृत है और उसका परिचालन संयुक्त अरब अमीरात से हो रहा था. उन्होंने कहा कि होटल का मालिकाना हक रखने वाली कंपनी और उसके स्वामित्व वाली होटल की अचल संपत्तियां 'कुलदीप बिश्नोई और चंद्र मोहन (बिश्नोई के भाई) की बेनामी संपत्तियां हैं.


बेनामी संपत्ति उन्हें कहा जाता है जिसका वास्तविक लाभार्थी वह नहीं होता जिसके नाम पर वह पंजीकृत होती है. दोनों भाई हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत नेता भजन लाल के बेटे हैं. बिश्नोई आदमपुर विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक हैं. जबकि मोहन राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं. सूत्रों ने बताया कि ब्राइट स्टार होटल प्राइवेट लिमिटेड में बेनामी शेयरधारक बिश्नोई परिवार के 'बेहद निकट संबंधी' हैं. उन्होंने कहा कि कंपनी पर नियंत्रण बिश्नोई के पास है और ब्राइट स्टार होटल प्राइवेट लिमिटेड में हिस्सेदारी खरीदने के लिए पैसे का प्रबंध भी बिश्नोई ने किया.


विभाग ने अपने आदेश में आरोप लगाया है कि मूल तौर पर कंपनी का परिचालन बिश्नोई बंधु अपने देश और विदेश के सहयोगियों के साथ मिलकर कर रहे हैं. छापे के बाद आयकर विभाग ने आधिकारिक बयान में कहा था कि बिश्नोई और उसके परिवार से जुड़ी 200 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी संपत्ति उसकी जांच के दायरे में है. बेनामी संपत्ति कानून 1988 में बनकर तैयार हो गया था लेकिन इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने नवंबर 2016 में लागू किया. इस कानून में सश्रम कारावास समेत सात साल तक की सजा और संपत्ति के बाजार मूल्य के आधार पर 25 प्रतिशत तक का जुर्माने का प्रावधान है.


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