RSS प्रमुख के धर्म संसद वाले बयान पर कांग्रेस ने कहा- पहले मारते हैं फिर कहते हैं कि हमने कुछ नहीं कहा
Dharma Sansad: हरिद्वार और दिल्ली में धर्म संसद की घटनाओं ने धार्मिक नेताओं द्वारा दिए गए कथित भड़काऊ भाषणों के कारण विवाद को जन्म दिया है.
Dharm Sansad Hate Speech Controversy: राष्ट्रीय स्वयंसेवक प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) ने एक बयान में कहा है कि हाल के ‘धर्म संसद’ नामक कार्यक्रम में दिए गए कुछ बयान ‘हिंदुओं के शब्द’ नहीं थे. RSS प्रमुख मोहन भागवत द्वारा हरिद्वार धर्म संसद पर दिए गए इस बयान की कांग्रेस ने निंदा की है. कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, अगर वे पहले लोगों को समझाते तो ऐसी चीजें हर जगह नहीं होती. पहले मारते हैं फिर बाद में कहते हैं कि हमने कुछ नहीं कहा, लोग खुद ऐसा कर रहे हैं.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, जिन लोगों को आप ट्रेनिंग दे रहे हैं पहले उन्हें देश के बारे में समझाएं. मिलकर रहने की सोच को समझाएं. देश का संविधान क्या कहता है उसको देखिए. उसके बाद आप कह सकते हैं कि हमारे कहने के बावज़ूद भी आप लोग कर रहे हैं इसलिए हम आपसे दूर है.
धर्म संसद में दिए गए बयानों से RSS ने बनाई दूरी
धर्म संसद के आयोजनों में कही गई बातों पर निराशा व्यक्त करते हुए भागवत ने कहा, "धर्म संसद की घटनाओं में जो कुछ भी निकला, वह हिंदू शब्द, हिंदू कर्म या हिंदू दिमाग नहीं था." RSS प्रमुख की यह टिप्पणी तब आई जब वह नागपुर में एक अखबार के स्वर्ण जयंती समारोह के अवसर पर आयोजित 'हिंदू धर्म और राष्ट्रीय एकता' व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे. भागवत ने कहा कि हिंदुत्व एक 'वाद' (ism) नहीं है, हिंदुत्व का अंग्रेजी अनुवाद हिंदूनेस है.
हिंदू धर्म संसद में हुई थी विवादित बयानबाजी
दरअसल, 17 से 19 दिसंबर 2021 के बीच हरिद्वार में यति नरसिंहानंद और दिल्ली में 'हिंदू युवा वाहिनी' द्वारा कथित तौर पर अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हिंसा भड़काने वाले भड़काऊ भाषण दिए गए थे. 26 दिसंबर को छत्तीसगढ़ के रायपुर में आयोजित इस तरह के एक अन्य कार्यक्रम ने भी एक विवाद को जन्म दिया जब हिंदू धर्मगुरु कालीचरण महाराज ने कथित तौर पर महात्मा गांधी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की और अल्पसंख्यकों के खिलाफ भड़काऊ बयान दिया.
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